पांच वर्षों में मई रहा सर्वाधिक प्रदूषित, आंकडों में दिख रही है वाराणसी की तस्वीर
संस्था की ओर से विशेष तौर पर मई माह के अंत में रिपोर्ट जारी कर काशी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर चिंता जाहिर की गई है।
वाराणसी, जेएनएन। बीते वर्षो से विश्व के सर्वाधिक दस प्रदूषित शहरों में शामिल वाराणसी एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार शहर की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि बीते पांच वर्षो में मई का महीना अन्य वर्षो की अपेक्षा काफी प्रदूषित रहा है। 1 से 31 मई तक वायु प्रदूषण के आंकड़ों के अनुसार क्लाइमेट एजेंडा की रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष मई माह पांच वर्षो में सर्वाधिक वायु प्रदूषण की जद में रहा है। संस्था की ओर से विशेष तौर पर मई माह के अंत में रिपोर्ट जारी कर काशी में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर चिंता जाहिर की गई है।
संस्था के ओर से एकता शेखर के मुताबिक इस भीषण गर्मी में जहा आम जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है वहीं बनारस में वायु प्रदूषण के आंकड़े 4 से 5 गुना तक अधिक आ रहे हैं। वायु प्रदूषण के यह आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षो की तुलना में 2019 का मई माह सबसे अधिक प्रदूषित रहा है। वहीं अन्य शहरों से तुलना की जाए तो दूसरों की अपेक्षा काशी में स्थिति चिंताजनक हुई है। लासेट प्लैनेटरी हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में करीब 2 लाख 60 हजार से अधिक हुई है।
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट यह बताती है कि वायु प्रदूषण के कारण 5 साल से कम उम्र के करीब 1 लाख से अधिक बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है। इस लिहाज से वाराणसी की स्थिति काफी चिंताजनक है। क्योंकि यहां की वायु में सूक्ष्म कणों की मात्रा साल दर साल अब बढ़ती ही जा रही है। इसी कड़ी में पांच वर्षो के तुलनात्मक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। संस्था की ओर से इस बाबत पूरे माह भर का आंकड़ा भी जारी किया गया है कि आखिर किस दिन कितना वायु प्रदूषण का स्तर शहर में रहा है।
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