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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दावा एक ही दिन में काफी शैवाल बहे, वाराणसी में जुटाए गए सैंपल की दोबारा जांच

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि बुधवार को जांच करने वाली टीम पहुंची थी मगर वहां पर जिस तरह से पहले पानी का रंग हरा दिख रहा था वह बिल्कुल साफ हो चुका है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 07:50 PM (IST)
गंगा में बीते पांच-छह दिनों से ग्रीन एल्गी ब्लूम काफी बढ़ गए थे

वाराणसी, जेएनएन। गंगा में बढ़े हरे शैवालों को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दावा किया है कि एक ही दिन में गंगा का काफी हिस्सा इन शैवालों से खाली हो गया है। नदी के प्रवाह के चलते शैवाल आगे की ओर बढ़ गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि बुधवार को जांच करने वाली टीम पहुंची थी, मगर वहां पर जिस तरह से पहले पानी का रंग हरा दिख रहा था, वह बिल्कुल साफ हो चुका है। इस बीच रामनगर के नए पुल वाले इलाके से गंगाजल के सैंपल जुटाए गए।

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लैब में टेस्ट करने के बाद पता चला कि पानी का तापमान 32 डिग्री सेल्सियस ही रह, जो कि शैवालों के विकसित हाेने के लिए एकदम उपयुक्त तापमान है। रिपोर्ट में पानी का डीओ (डिजाल्वड आक्सीजन) की मात्रा 0.5 कम होकर 8.5 मिलीग्राम प्रति लीटर पर आ गई है। जबकि पानी का पीएच मान 8.56 ही दर्ज किया गया है। बता दें कि गंगा में बीते पांच-छह दिनों से ग्रीन एल्गी ब्लूम काफी बढ़ गए थे और इसकी वजह से पानी का रंग बिल्कुल हरा हो चुका है। बीएचयू के वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी में जब न्यूट्रिएंट्स बढ़ जाते हैं तभी शैवालों की संख्या बढ़ती है। वहीं इसकी वजह से पानी में आक्सीजन की मात्रा घट सकती है जिससे जलतंत्र को काफी नुकसान पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि ये हरे शैवाल मीरजापुर में विंध्याचल के पास बहने वाली एक नदी लोहदी से बहकर आए हैं।


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