Move to Jagran APP

विधानसभा चुनाव 2021 : आदि शिल्पी भगवान विश्‍वकर्मा के पूजन में समाजवादी पार्टी का सियासी मंत्र

चुनावी अभियान का समाजवादी पार्टी भी शुरूआत विश्वकर्मा पूजनोत्सव से करने जा रही है। आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा का पूजनोत्सव 17 सितंबर को मनाया जाता है। इस मौके पर सपा लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में बड़ा आयोजन करने जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 10:47 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 10:47 AM (IST)
चुनाव के अभियान का समाजवादी पार्टी शुरूआत विश्वकर्मा पूजनोत्सव से करने जा रही है।

वाराणसी [प्रमोद यादव]। विधानसभा चुनाव की दस्तक का असर कह सकते हैैं कि पर्व-त्योहार और जयंती व पुण्य तिथि जैसे आयोजन भी अब सियासी रंगों में रंगे नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी भी इसकी शुरूआत विश्वकर्मा पूजनोत्सव से करने जा रही है। आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा का पूजनोत्सव 17 सितंबर को मनाया जाता है। इस मौके पर सपा लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय में बड़ा आयोजन करने जा रही है।

loksabha election banner

इसमें प्रदेश भर से विश्वकर्मा समाज के लोग और नेता-कार्यकर्ता जुटेंगे। इसके लिए विभिन्न जिलों से एक दिन पहले 16 सितंबर की शाम ही बसों से रवानगी होगी। अगले दिन सुबह दस बजे सभी लोग आयोजन में शामिल होंगे जिसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भगवान विश्वकर्मा का पूजन करेंगे और प्रदेश भर से जुटे लोगों को संबोधित भी करेंगे। आयोजन को सफल बनाने के लिए अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा की ओर से जनसंपर्क किया जा रहा है। घर-घर संवाद स्थापित कर लखनऊ में होने वाले आयोजन की जानकारी देने के साथ न्योता दिया जा रहा है।

दरअसल, विश्वकर्मा पूजनोत्सव पर 17 सितंबर पर सार्वजनिक अवकाश सरकार ने खत्म कर दिया था। साथ ही पर्व विशेष पर दोगुना श्रम का संदेश दिया गया था। वहीं विश्वकर्मा समाज अवकाश बहाल करने की तब से ही लगातार मांग करता आ रहा है। सपा शिल्पकारों के इस खास पर्व पर आयोजन के जरिए संबंधित समाज को जोडऩे का बड़ा जरिया मान रही है।

दरअसल, पिछले चुनावों में बसपा व कांग्रेस जैसे बड़े दलों से गठबंधन कर मुंह की खा चुकी सपा ने आगामी विधानसभा चुनाव में छोटी-छोटी पार्टियों से गठजोड़ का संकेत दिया है। गौर करें तो सीमित जनाधार वाले छोटे दल किसी न किसी जाति विशेष का प्रतिनिधित्व करते हैैं। रही बात विश्वकर्मा समाज की तो यह अब तक किसी दल विशेष में बंध नहीं पाया है। ऐसे में सभी दलों में इस समाज के लोगों को अपने पाले में करने की होड़ है। सपा के साथ प्लस प्वाइंट यह है कि पूर्वांचल में विश्वकर्मा समाज के एक मात्र राजनीतिक नेता रामश्रय विश्वकर्मा सपा में हैं।

इस जुड़ाव को मजबूती देने के लिए सपा ने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद बनारस में महानगर अध्यक्ष भी विश्वकर्मा समाज से विष्णु शर्मा को ही बनाया जो अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के भी महानगर अध्यक्ष हैं। विष्णु शर्मा कहते हैैं कि समाजवादी पार्टी शुरू से ही किसान-मजदूर व नौजवान की पार्टी रही है। आदि शिल्पी भगवान विश्कर्मा के वंशजों का हित भी इसी पार्टी ने सदा से किया है। ऐसे में सपा मुख्यालय में प्रदेश स्तरीय विश्वकर्मा पूजनोत्सव को सियासी कहना कतई ठीक नहीं। समाज एकजुट होगा तो अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक होगा। इस नेक उद्देश्य के साथ ही आयोजन किया जा रहा है। यह विशुद्ध रूप से श्रद्धा और आस्था का मामला है जिसमें अपनों के साथ, अपनों के बीच भगवान विश्वकर्मा का पूजन किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.