पुलिस प्रताडऩा से सहमे परिवार ने घर छोड़ा, बयान बदलने को गवाह पर दबाव डाल रही पुलिस Gazipur news
हत्या जैसे संगीन मामले में भी पुलिस त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाती है। हद तो तब हो जाती है पुलिस से न्याय की उम्मीद लगाए पीडि़त परिवार उनसे ही डरने लगता है।
गाजीपुर, जेएनएन। हत्या जैसे संगीन मामले में भी पुलिस त्वरित कार्रवाई नहीं कर पाती है। हद तो तब हो जाती है पुलिस से न्याय की उम्मीद लगाए पीडि़त परिवार उनसे ही डरने लगता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है कासिमाबाद थानाक्षेत्र के राजापुर कटया गांव निवासी बृजेश यादव व उनके परिवार के साथ। इस हत्याकांड की विवेचना अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। बृजेश ने पुलिस अधीक्षक को पत्रक देकर आरोप लगाया है कि उनके चचेरे भाई सुभाष के हत्या के गवाह पिता हरिराम सिंह यादव पर मामले के विवेचक एसआइ बलवान सिंह बयान बदलने का दबाव बना रही है। इससे डरा-सहमा पूरा परिवार घर छोड़कर पलायन करने की तैयारी कर रहा है।
पिछले नौ जुलाई 2018 को अपने घर में सो रहे सुभाष यादव को गोली मार दी गई। आनन-फानन उन्हें बीएचयू ले जाया गया और फिर वहां से एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया, लेकिन अगले ही दिन 10 जुलाई को उनकी मौत हो गई। इस मामले में पीडि़त परिवार की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया और एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया लेकिन दूसरा अभी तक फरार है। पुलिस अधीक्षक को पत्रक देकर बृजेश यादव ने आरोप लगाया कि कासिमबाद थाने द्वारा की जा रही इस मामले की विवेचना लगभग पूरी होने के करीब थी लेकिन हत्यारोपियों के प्रभाव में आकर पीडि़त परिवार की बिना सहमति लिए उसे तत्कालीन थानाध्यक्ष खानपुर बलवान सिंह को सौंप दिया गया। बलवान सिंह खानपुर से स्थानांतरित होकर गहमर आए और फिर वहां से सैदपुर कोतवाली प्रभारी बन गए। यहीं से वह निलंबित होकर पुलिस लाइन आ गए। बलवान सिंह जहां-जहां जाते रहे, विवेचना भी थाना-दर-थाना घूमती रही। इस दौरान समय से चार्जशीट प्रस्तुत न करने पर न्यायालय ने जेल में बंद हत्यारोपित को जमानत दे दी।
आरोपित पीडि़त परिवार को केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। अभी इससे पीडि़त परिवार उबरा ही नहीं था कि बलवान सिंह ने पिछले चार सितंबर को गवाह हरिराम सिंह यादव को उनके घर से उठा लिया। आरोप है कि कासिमाबाद थाना ले जाकर उनकी पिटाई करने के साथ गाली-गलौज किया गया। रात 10 बजे इस शर्त पर छोड़ा गया कि अगले दिन फिर थाना आना है। इससे पूरा परिवार सहमा हुआ है। वह न्याय की जगह प्रताडि़त हो रहा है। इससे परेशान होकर घर छोड़कर पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। पीडि़त परिवार ने पुलिस अधीक्षक सहित उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर न्याय करने की गुहार लगाई है। साथ ही अपने जान-माल की सुरक्षा की मांग भी की है।