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किसान के मौत की अफवाह से पुलिस व प्रशासन के अधिकारी रहे हैरान

वाराणसी के पिंडरा से सुल्तानपुर तक बन रहे फोरलेन सड़कके निर्माण में सोमवार को मुआवजा राशि के लिए विरोध कर रहे एक वृद्ध की मौत की सूचना से हड़कंप मच गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 07:28 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 07:28 PM (IST)
किसान के मौत की अफवाह से पुलिस व प्रशासन के अधिकारी रहे हैरान

वाराणसी, जेएनएन। पिंडरा से सुल्तानपुर तक बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण के दौरान सोमवार को मुआवजा राशि को लेकर विरोध कर रहे ग्रामीणों में से एक वृद्ध की हार्ट अटैक से मौत होने की सूचना पर पुलिस प्रशासन के हाथ पाव फूल गए। आनन फानन में परिवार व प्रशासन के लोग अस्पताल ले गए जहा हालत स्थिर होने पर राहत की सास ली।

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वहीं एतिहातन भारी संख्या में पुलिस अधिकारी व पुलिस बल मौके पर बुला ली गई। घटना के चलते एक बारगी तो ग्रामीण पुलिस प्रशासन के सामने आ गए लेकिन एसडीएम की सुझबुझ से किसी तरह मामला शात हुआ।

वाराणसी से सुल्तानपुर तक बन रहे फोरलेन सड़क के निर्माण के तहत बाईपास मार्ग कथौली से फूलपुर तक बनाई जा रही है। जो कि रामपुर ग्राम सभा से होकर जा रही है। उसी ग्राम सभा के अनुसूचित बस्ती के लोग मुआवजा राशि की माग को लेकर एक पखवाड़े से काम नहीं होने दे रहे थे। इसी के तहत सोमवार को एसडीएम पिंडरा डा.एन एन यादव व सीओ सुरेन्द्र नाथ भारी महिला व पुरुष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुचे और घंटों समझाने बुझाने के बाद व ग्रामीणों के विरोध के बावजूद निर्माण कार्य शुरू करा दिया। उसी बीच अपनी जमीन के लिए बैठे ग्रामीण हरि राम 70 वर्ष को शाम के वक्त हार्ट अटैक आ गया। हार्ट अटैक आने पर परिजन उसे लेकर एक निजी चिकित्सक के यहा ले गए। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वही किसान के हार्ट अटैक आने की सूचना जब पुलिस प्रशासन को हुई तो अफरा तफरी मच गई। एनएचएआई के अधिकारी व कर्मचारी काम बंद कर भागने लगे। दूसरी तरफ अधिकारी ग्रामीणों को संभालने में जुट गए। लेकिन ग्रामीणों की बढ़ती संख्या और तेवर देख एसडीएम व सीओ ने खुद मोर्चा संभाला और ग्रामीणों को किसी तरह समझा बुझाकर शात कराया। लगभग एक घण्टे बाद एसपीआर मार्तण्ड प्रताप सिंह समेत अनेक थानों की फोर्स मौके पर पहुच गयी। देर शाम तक एसडीएम के नेतृत्व में पुलिस बल तैनात रही। पुलिस प्रशासन के माथे पर दिखा ठंड में भी पसीना : रामपुर गाव में ग्रामीण के किसान के मौत की अफवाह उड़ते ही पुलिस प्रशासन के माथे पर ठंड में भी पसीना आ गया। लोगो के जेहन में बुलंदशहर की घटना दौड़ने लगी। कुछ पुलिस कर्मी ग्रामीणों के विरोध देख सहम से गए। लेकिन उच्चाधिकारियों के मौके पर डटे रहने और उनके साहस को देख मुस्तैदी से खड़े रहे। उसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल के पहुचने पर लोगों ने राहत की सास ली। एसडीएम ने हार्ट अटैक आने से किया इंकार : घटना स्थल पर मय फोर्स तैनात एसडीएम ने बताया कि उक्त वृद्ध किसान अपने घर पर था और उसके बेहोश होने और मौत हो जाने की खबर किसी ने फैला दी। लेकिन सब कुछ सामान्य है। अफवाह फैलाने वाले को चिन्हित किया जा रहा है।

क्या है मामला : बताते हैं कि कुल 4 एकड़ रकबा पर शशिकात, कैलाश, हरी, त्रिभुवन,आनन्द,राधिका,प्रशान्त,पवन, रामअधार,कन्हैया व विजय बहादुर समेत दो दर्जन ग्रामीणों की छोटे छोटे भूखंड पर वर्षो से काबिज है और उन्हें मुआवजा राशि मिलना भी तय हो गया था। लेकिन जाच में उक्त भूमि भूदान की निकली। जिसपर तहसील प्रशासन ने यह कह कर रोक दिया कि यह भूमि सरकारी है। जिसका अभिलेख और रिकार्ड होगा उसी को मुआवजा मिलेगा। इसी बात को लेकर ग्रामीण मुआवजा की माग कर रहे थे और आज विरोध जताया। उस दौरान कईं बार पुलिस और ग्रामीण आमने सामने आए।


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