बोले पीएम, काशी की आत्मा तो पुरातन पर काया नवीनतम होगी
राजातालाब मैदान में अपने भाषण में पीएम ने काशी के लिए सभी को एक साथ आने का आह्वान किया।
वाराणसी : राजातालाब मैदान में अपने भाषण में पीएम ने काशी के लिए सभी को एक साथ आने का आह्वान किया। भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि- हमारे देश का गौरव बढ़ाने वाली एक बेटी का गुणगान करना चाहता हूं। असम के एक गांव की बेटी ने कमाल कर दिया। वह मन में जीत लेकर बैठी थी। तिरंगा लहराया साथ ही असमिया गमछा गले में डालना नहीं भूली। विक्ट्री सेरेमनी पर राष्ट्रगान के वक्त उसकी आंखों से गंगा जमुना बह रही थी। जो सवा सौ करोड़ भारतीय जनता को प्रेरणा दे रही थी। मैं हिमा दास को अनेक- अनेक बधाइयां देता हूं। हिमा दास का गौरव गान करने का आपस सभी से आह्वान करता हूं।
बाबा भोलेनाथ का सावन आरंभ होने को है। काशी में शिवभक्तों का मेला लगने वाला है। उत्सव की तैयारियों के बीच उन परिवारों की पीड़ा साझा करना चाहता हूं जिनके लोग फ्लाईओवर हादसे में जान गंवा दिए। भेले बाबा जैसा भोलापन व हर किसी के दुख दर्द को समझने वाली गंगा बनारस की पहचान है। सदियों से बनारस यूं ही बना हुआ है। पौराणिक पहचान को नई ऊंचाई देने का प्रयास बीते चार वर्षो से जारी है। आत्मा तो पुरातन लेकिन काया नवीनतम होगी। अध्यात्मिकता के साथ आधुनिकता भी होगी। आज दुनिया में सोशल मीडिया पर सड़कें, चौराहों और तालाबों की तस्वीरें जो भी देखता है प्रसन्नचित हो जाता है। रंग बिरंगी रोशनी के बीच फव्वारे मन मोह लेते हैं। कुछ साल पहले तक काशी के विकास के लिए सहयोग नहीं बल्कि रुकावटें थी। मौका मिला तो काशी के विकास की गति तेज हो गई हैं। एक हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। सीवेज, गैस स्वच्छता व सुंदरीकरण इससे जुड़े हैं। बुनियादी सुवधिाओं से यहां लोगों को सहूलियत मिलने जा रही है। इसका लाभ आसपास के गांवों को भी मिल रहा है। पेरिशेबल कार्गो केंद्र बनकर तैयार है। इसके शिलान्यास के बाद आज लोकार्पण का भी मौका मिला है।
यहां आसपास के किसानों के सब्जियों के भंडारण की उचित व्यवस्था की गई है। अब उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। ट्रांसपोर्टेशन से ट्रांसफारमेशन के रास्ते पर सरकार आगे बढ़ रही है। काशी नगरी हमेशा से मोक्षदायिनी तो रही है और जीवन की तलाश में यहां आने वालों की कोई कमी नहीं है। जीवन में आने वाले संकटों को कम करने वाले केंद्र के रूप में उभर रहा है। बीएचयू चिकित्सा का केंद्र बन रहा है। बनारस के साथ ही यहां आने जाने वालों के लिए कनेक्टिविटी की दिशा में स्टेशन को नया रंग रूप देने का काम हो रहा है। लाइनों के दोहरीकरण व विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। मेमू ट्रेन भी चल पड़ी है। लंबी दूरी की भीड़ भाड़ से राहत मिलेगी। योगी सरकार काशी ही नहीं पूरे प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। स्वच्छ भारत अभियान को यूपी की जनता ने जिस तरह से आगे बढ़ाया है प्रशंसनीय है। काशी की महानता उसकी ऐतिहासिकता को बनाए रखने को जो काम किए जा रहे हैं वह अतुलनीय हैं। काशी की जनता खराब सड़कें, ओवर फ्लो सीवर, जाम जैसी समस्याएं से जूझ रही थी। गंगा के घाटों का क्या हाल था वह किसी से छिपा नहीं था। कूड़ा कचरा गंगा में प्रवाहित हो रहा था। पिछली सरकारें इससे बेपरवाह थीं। ऐसी स्थिति में गंगा को स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया गया। बनारस ही नहीं गंगोत्री से गंगा सागर तक एक साथ प्रयास चल रहे हैं। गंगा में गंदगी न जाए इसके लिए 21 हजार करोड़ की दो सौ परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है। सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि सीवेज ठीक से व सुचारू रूप में चलें। सीवेज प्लांट के साथ यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कम से कम 15 साल तक चलने चाहिए। आने वाले समय में इसका परिणाम बनारस के लोगों को देखने को मिलेगा। स्मार्ट सिटी सिर्फ शहरों को सुधारने का अभियान नहीं है। योगी व उनकी पूरी टीम ने जो औद्योगिक नीति बनाई है उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। रोजगार के हजारों अवसर बन रहे हैं। देश में मोबाइल फोन की फैक्ट्री दो से 120 हो गई हैं। चार हजार से अधिक नौजवानों को इसमें रोजगार मिला है। इसी कड़ी में यहां टीसीएस के बीपीओ की शुरूआत हुई है। यह केंद्र युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर देगा। इलाहाबाद से बनारस तक गैस पाइप लाइन बिछाई गई है।
आठ हजार घरों में कनेक्शन पहुंच चुका है। इसे 40 हजार घरों तक पहुंचाने का काम चल रहा है। पीएनजी हो या सीएनजी शहर के प्रदूषण में कमी लाने वाला है। जापान के प्रधानमंत्री से कोई हिंदुस्तानी मिलता है तो वे काशी से मिला सम्मान उससे दोहराते हैं। काशी वासियों ने फ्रांस के राष्ट्रपति का जिस तरह से स्वागत किया पूरा फ्रांस उसका गुणगान करता है। काशी के प्रेम, अपनेपन व मेहमान नवाजी को दुनिया को देखने का अवसर आने वाला है। जनवरी में 21 से 23 तक काशी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हो रहा है। दुनिया भर से भारतीय लोग इसमें आने वाले हैं। कुछ लोग तो ऐसे आएंगे जिनके पूर्वज विदेश गए लेकिन लौट नहीं आए। उनके परिवार के लोग भी आने वाले हैं। इनके स्वागत की तैयारी करनी है। मेहमान 24 को प्रयाग राज कुंभ के दर्शन को जाएंगे। 26 को दिल्ली पहुंचेंगे। मैं भी कंधा से कंधा मिलाकर काशी में रहूंगा। आप सबको उनके स्वागत की तैयारी करने का निमंत्रण देता हूं।