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पीएम किसान पेंशन योजना में आड़े आ रही किसानों की आर्थिक स्थिति, किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी

सम्मान निधि योजना के सापेक्ष पेंशन योजना में पूर्वांचल के किसानों द्वारा अब तक एक प्रतिशत भी आवेदन नहीं होना योजना के लिए संकट जैसा ही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 08:15 AM (IST)
पीएम किसान पेंशन योजना में आड़े आ रही किसानों की आर्थिक स्थिति, किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी
पीएम किसान पेंशन योजना में आड़े आ रही किसानों की आर्थिक स्थिति, किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी

बलिया [अजित पाठक]। इसे आर्थिक विपन्नता कहे या जागरूकता का अभाव या फिर बुझदिली, समझ पाना मुश्किल है। पीएम किसान सम्मान निधि के लिए रिकार्ड बनाने वाले किसान पेंशन योजना के प्रति सुस्त पड़े है। सम्मान निधि योजना के सापेक्ष पेंशन योजना में पूर्वांचल के किसानों द्वारा अब तक एक प्रतिशत भी आवेदन नहीं होना, योजना के लिए संकट जैसा ही है। 

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प्रति वर्ष छह हजार रुपए की आर्थिक मदद वाली पीएम किसान सम्मान निधि योजना में रिकार्ड बनाने वाला पूर्वांचल, किसान मानधन योजना (किसान पेंशन याजना) में पिछड़ता दिख रहा है। हालात ये हैं कि सम्मान निधि योजना में जहां पूर्वांचल के दस जिलों में 26 लाख 43 हजार 892 से अधिक किसान आवेदन कर लाभांवित हो रहे हैं, वहीं किसान पेंशन योजना के लिए अब तक मात्र 20270 किसानों ने ही आवेदन किया है, जो सम्मान निधि योजना का महज 0.76 प्रतिशत ही है। ऐसा नहीं कि इस योजना के प्रति किसानों को रुचि नहीं है। प्रदेश के सीतापुर जनपद के किसान इस मामले में काफी आगे हैं।

अकेले सीतापुर के 18539 किसानों ने इसके लिए अपना पंजीयन कराया है, जो पूर्वांचल के दस जिलों की कुल संख्या से थोड़ा ही कम है। एक तरफ पेंशन योजना के प्रति किसान लापरवाह बने हुए हैं तो दूसरी ओर सम्मान निधि योजना के लिए अभी भी लगातार आवेदन जारी है। आंकड़ों पर गौर करें तो सम्मान निधि में रिकार्ड बनाने वाला पूर्वांचल का आजमगढ़ मानधन योजना में खिसक कर तीसरे पायदान पर पहुंच गया है, जबकि चौथे स्थान पर रहने वाला बलिया सातवें स्थान पर है। पूर्वांचल के दस जिलों में कोई भी ऐसा जनपद नहीं हैं, जहां के किसानों ने इस योजना में दिलचस्पी दिखाई हो। 

आर्थिक पक्ष बन रहा बाधक 

केन्द्र सरकार ने 18 से 40 वर्ष के किसानों को न्यूनतम मासिक प्रीमियम पर वृद्धावस्था पेंशन देने की व्यवस्था की है। 18 वर्ष के किसान के लिए जहां 55 रुपए का प्रीमियम तय है, वहीं 40 वर्ष के किसान को दो सौ रुपए प्रीमियम जमा करना है। जबकि प्रीमियम की आधी राशि केन्द्र सरकार खुद वहन करती है। 60 वर्ष की अवस्था के बाद किसानों को तीन हजार रुपये प्रति माह पेंशन दिया जाना है। बावजूद किसानों का इस योजना के प्रति झुकाव नहीं दिख रहा है। यानी सालाना छह हजार रुपये के लिए तो किसान लालायित हैं, लेकिन वृद्धावस्था पेंशन के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं है। वजह चाहे जो हो,  लेकिन कहीं न कहींं किसानों की आर्थिक स्थिति भी इसमें आड़े आ रही है। बेशक योजना की प्रीमियम राशि मामूली है, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी का बोझ उठा रहे किसानों पर यह राशि भी भारी पड़ रही है।  

इनसेट

आंकड़ों की नजर में पेंशन योजना

जिला पीएम किसान सम्मान निधि योजना पीएम किसान मानधन योजना (किसानों की संख्या)
आजमगढ़ 514370 1682
जौनपुर 431582 2124
गाजीपुर 340523 3401
बलिया 288774 1513
मिर्जापुर 243255 1680
वाराणसी 189425 2849
मऊ 171938 1210
चंदौली 162050 1149
सोनभद्र 158099 1602
भदोही 143876 3060


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