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प्लानिंग का पता नहीं, जाम में जकड़ी काशी, एक घंटे से अधिक लग गया तीन किलोमीटर का सफर तय करने में

अमूमन काशीवासी रोज जाम के झाम से रू-ब-रू होते हैं लेकिन मंगलवार के जाम ने लोगों को रूला दिया। तीन किलोमीटर का सफर तय करने में ही एक घंटे से अधिक समय लग गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 08:50 AM (IST)
प्लानिंग का पता नहीं, जाम में जकड़ी काशी, एक घंटे से अधिक लग गया तीन किलोमीटर का सफर तय करने में
प्लानिंग का पता नहीं, जाम में जकड़ी काशी, एक घंटे से अधिक लग गया तीन किलोमीटर का सफर तय करने में

वाराणसी, जेएनएन। अमूमन काशीवासी रोज जाम के झाम से रू-ब-रू होते हैं लेकिन मंगलवार के जाम ने लोगों को रूला दिया। तीन किलोमीटर का सफर तय करने में ही एक घंटे से अधिक समय लग गया। ट्रैफिक विभाग ने ठोस प्लानिंग के बिना रूट डायवर्जन कर दिया। रही सही कसर डग्गामार वाहनों ने कर दी। जाम में फंसी एंबुलेंसों में मौजूद मरीजों की जान पर बन आई। जाम में फंसे स्कूली छात्र-छात्राएं भूख-प्यास से बिलबिला उठे। सुबह से लेकर देर रात तक चौकाघाट से लहुराबीर, तेलियाबाग, सिगरा, नदेसर तक चौतरफा जाम में दिनभर पुलिस वाले जूझते रहे लेकिन कोई युक्ति काम नहीं आई। जाम में फंसे लोगों में यातायात विभाग को लेकर आक्रोश दिखा।

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अंधरापुल-रोडवेज मार्ग स्थित सर्विस रोड पर पुराने पुल के तीन पिलरों व स्लैब को तोड़े जाने के चलते हुए रूट डायवर्जन के चलते मंगलवार को शहर के कई इलाके जाम की जबरदस्त चपेट में रहे। नदेसर, हुकुलगंज, चौकाघाट से अंधरापुल तेलियाबाग, लहुराबीर, तेलियाबाग, काशी विद्यापीठ मार्ग से लेकर लहरतारा इलाका तक जाम लगा रहा। जाम के चलते एडीएम सिटी को कलेक्ट्रेट से एसपी सिटी आफिस तक आने में एक घंटे से अधिक समय लग गया। एडीएम समेत कई अधिकारी जाम में फंसे रहे। स्कूलों में छुट्टी और आफिस में काम समाप्त करने के बाद जब लोग घरों को निकले तो चौतरफा जाम में घिर गए। किसी की ट्रेन छूटी तो किसी की बस। कई लोग एयरपोर्ट समय से नहीं पहुंच पाए जिसके चलते विमान छूट गया।

भारी वाहनों पर नहीं लगाई रोक 

जाम का बड़ा कारण शहर में पूरे दिन भारी वाहन भी रेंगते रहे। डग्गामार बसों के साथ ही प्राईवेट बसें और ट्रक इन इलाकों में चक्कर काटते रहे। ट्रैफिक विभाग ने इन्हें रोकने के लिए कोई प्लानिंग नहीं की थी। चौकाघाट चौराहे पर मार्ग पर लगे बैरियर को भी नहीं खोला जिससे दबाव के बीच वाहनों को पुल के नीचे से वाहन मोडऩे में काफी दिक्कत हुई।


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