गोरखपुर-वाराणसी हाइवे निर्माण में तमाम खामियां, सीमा पूर्ण फिर भी घाघरा पर पिलर का कार्य अपूर्ण
निर्माणाधीन गोरखपुर-वाराणसी हाईवे निर्माण में तमाम खामियों की वजह से कार्यदायी संस्था पूरी तरह से उलझ गई हैं।
मऊ [जयप्रकाश निषाद]। उत्तर प्रदेश सरकार के लाख प्रयास के बाद भी सड़क निर्माण की गति धीमी है।निर्माणाधीन गोरखपुर-वाराणसी हाईवे निर्माण में तमाम खामियों की वजह से कार्यदायी संस्था पूरी तरह से उलझ गई हैं। निर्माण के करार की तिथि समाप्त हो जाने के बाद भी घाघरा नदी पर पिलर का कार्य भी अभी पूरा नहीं हो पाया है। अभी मात्र 20 पिलर ही पूर्ण हो पाए हैं। अभी 16 पिलर का निर्माण पूरा करना है। यही नहीं आजमगढ़-दोहरीघाट मार्ग पर डिजाइन व पीडब्ल्यूडी के हठवादी रवैए की वजह से यह भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है। करीब 21 किलोमीटर तक जमीनों का अधिग्रहण नहीं होने की वजह से निर्माण कार्य में बाधा आ रही है। फिर भी कार्यदायी संस्था जेपी एसोसिएट लिमिटेड का दावा है कि अप्रैल 2022 तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।
वाराणसी-गोरखपुर हाइवे के लिए 131 किमी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए कुल 1980 करोड़ का प्रोजेक्ट जेपी एसोसिएट लिमिटेड कंपनी को सौंपा गया है। कार्यदायी संस्था निर्माण के लिए छह जगह कैंप लगाए हुए हैं। प्रमुख कैंप को दोहरीघाट मेें धनौली रामपुर के समीप बनाया गया है। इसके अलावा तीन कैंप मऊ जनपद में और तीन कैंप गोरखपुर जनपद में स्थापित किया गया है। यही यह हाइवे आजमगढ़-दोहरीघाट को क्रास भी कर रहा है। इस कार्य को हर हाल में करके संस्था को दिसंबर 2019 तक पूरा कर लेना था लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अभी तक घाघरा नदी में मात्र 20 पिलर पूर्ण हो पाए हैं। 8.50 मीटर तक पुल का निर्माण करना है। छह पिलर फरवरी तक पूर्ण होने का अनुमान है और 10 पिलर अप्रैल तक पूरा हो जाएंगे। यानी जिस गति से कार्य हो रहा है इस वित्तीय वर्ष में भी कार्य पूरा न हीं हो पाएगा।
आजमगढ़-दोहरीघाट मार्ग पर कार्य रूका
कार्यदायी संस्था द्वारा आजमगढ़-दोहरीघाट मार्ग पर धनौली गांव के समीप कार्य शुरू करने पर पीडब्ल्यूडी ने कार्य यह कहते हुए रोक दिया है कि इधर से फोरलेन गुजरना है। ऐसे से फोरलेन की जगह छोड़कर निर्माण कार्य किया जाए। पहले संस्था दूसरी डिजाइन बनाई थी अब रोक के बाद नई डिजाइन बनाई जा रही है। डिजाइन बनने के बाद ही यहां का कार्य शुरू हो पाएगा।
अधिग्रहण नहीं हुई जमीन
मऊ-गाजीपुर 11 किमी व मऊ-गोरखपुर नौ किमी जमीनों का अधिग्रहण अभी तक नहीं हो पाया है। संस्था का कहना है कि यहां कार्य करने जाते समय किसान कार्य नहीं करने देते हैं। उनका कहना है कि अभी तक उन्हें अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं मिला है। इसकी वजह से भी काम रुक जा रहा है।
-घाघरा नदी में युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा अधिग्रहण न होने से परेशानी आ रही है। इसकी वजह से विलंब हो रहा है। अप्रैल 2022 तक हाइवे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। -अमित गोयल, यूनिट इंचार्ज जेपी एसोसिएट्स।
परियोजना
1980 : करोड़ का है प्रोजेक्ट
131 : किलोमीटर होना है निर्माण
850 : मीटर लंबा घाघरा पर बनेगा पुल
36 : पिलर का होना है निर्माण