गिनीज बुक रिकार्डधारी डा. पिल्लई ने किया ब्रेथ लेस हनुमान चालीसा का सस्वर गायन
गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में चार बार नाम दर्ज करा चुके डा. जगदीश पिल्लई ने मंगलवार को ब्रेथलेस हनुमान चालीसा को स्वर दिया।
वाराणसी, जेएएनएन। गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में चार बार नाम दर्ज करा चुके डा. जगदीश पिल्लई ने मंगलवार को ब्रेथलेस हनुमान चालीसा को स्वर दिया। इसे उन्होंने 4.52 मिनट के वीडियो में भी सहेजा। इसमें शुरू व आखिरी के दोहा छोड़ कर चौपाई 3.14 मिनट में बिना एक सेकंड भी रुके गाई गई है। बीएचयू ज्योतिष संकाय प्रमुख प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय ने इसका विमोचन किया। कहा कि गोस्वामी तुलसीदास के आशीर्वाद बिना यह कार्य संभव नहीं है। डा. जगदीश पिल्लई ने बताया कि इसकी प्रेरणा उन्हें ख्यात गायक शकर महादेवन से मिली जिन्होंने भारत में ब्रेथलेस गायन की शुरूआत की।
इसके अभ्यास के बीच 2015 में ब्रेथलेस हनुमान चालीसा गायन का ख्याल आया। सात सौ से अधिक धुनें आजमाने के बाद एक धुन फाइनल हुई। संगीतज्ञ अमित रॉय, दीपश्री स्टूडियो के प्रदीप दीपक और भाषा शुद्धिकरण में डा. प्रवीण तिवारी ने सहयोग किया। पिल्लई के पुत्र नौवीं के छात्र प्रणव जे पिल्लई ने वीडियोग्राफी व संपादन में सहयोग किया। इसे यू ट्यूब पर भी अपलोड किया गया। ब्रेथलेस का मतलब श्वास रहित नहीं डा. पिल्लई ने बताया कि ब्रेथलेस गायन का मतलब बिना श्वास के या एक श्वास में गायन नहीं होता।
इसका अर्थ है कम श्वास लेने की यौगिक साधना जिसमें बिना रुकेगायन किया जाता है। इसमें गाने की धुनबंदी और अभ्यास इस तरह किया जाता है कि जरूरत भर श्वास भी मिलती रहे। रामचरित मानस से गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की तैयारी ब्रेथलेस हनुमान चालीसा गायन के बाद डा. पिल्लई ने रामचरित मानस गायन से गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की तैयारी शुरू की है। काशी के विद्वानों के मार्ग दर्शन में इसके गायन का अभ्यास किया जा रहा है। अब तक सबसे लंबे गायन का रिकार्ड 14 घटे का है जो अमेरिका के नाम दर्ज है। रामचरित मानस अवधी में होने से अ¨हदी भाषी पिल्लई के लिए संपूर्ण रामचरित मानस गायन मुश्किल तो है लेकिन उन्होंने प्रयास शुरू कर दिया है।
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