छोटे 'चुनाव' में भी अब लग रहा बड़ा 'दांव', दिग्गज सियासी नेताओं की भी लग रही तस्वीर
पंचायत चुनाव की यहां पर अभी उल्टी गिनती भी नहीं शुरू हुई है कि खुद को प्रत्याशी मान बैठे लोग दांव-पेच लगाने में जुट गए हैं।
जौनपुर, जेएनएन। चुनाव कोई भी हो, हर हाल में मतदाताओं पर डोरे डालने के लिए उन्हें रिझाने, पटाने की हर कवायद तो हमेशा से ही की जाती रही लेकिन इस बार आसन्न पंचायत चुनाव के संभावित प्रत्याशी इस छोटे चुनाव में भी बड़ा दांव लगाना शुरू कर दिए हैं। पंचायत चुनाव की यहां पर अभी उल्टी गिनती भी नहीं शुरू हुई है कि खुद को प्रत्याशी मान बैठे लोग दांव-पेच लगाने में जुट गए हैं।
अभी से मतदाताओं को अपने पक्ष में कैसे लामबंद करें, इसके लिए हम सबके हैं, सब हमारे हैं, के नुस्खे से खुद को बीस बनाने की कवायद करने लगे हैं। इस चुनाव में शासन द्वारा नये सिरे से चक्रानुक्रम के आधार पर सीटों को आरक्षित करने का संकेत दिया गया है। ऐसे में कौन सी ग्राम पंचायत किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी, इस पर से धुंध छंटी नहीं है, बावजूद इसके सियासी पहलवान अखाड़ा सजाने की तैयारी तेज कर चुके हैं। वर्तमान में प्रुमख सियासी दलों के समर्थकों व झंडाबरदारों का अपने-अपने गांव में प्रभावी दखल है। ऐसे में किसी एक सियासी दल के समर्थक के रूप में खुद को प्रस्तुत करना भावी प्रत्याशी घाटे का सौदा मान रहे हैं।
हम सबके हैं सब हमारे हैं
पंचायत के इस छोटे चुनाव में कैसे बड़े दांव लगाए जाने लगे हैं, इसकी एक जीती जागती तस्वीर सिकरारा क्षेत्र के कलवारी गांव में टंगे एक बैनर में दिखाई पड़ी। उसमें खुद को भावी प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत कर रहे भोलानाथ यादव ने भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री सपाध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती की तस्वीर को स्थान दिया है। सम्प्रति वोट बैंक का ही तकाजा रहा कि अपने इस बैनर में उन्होंने कांग्रेस के किसी दिग्गज नेता की तस्वीर लगाने से परहेज किया है। उनकी हम सबके हैं सब हमारे हैं वाले दांव की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब चर्चाओं में है। पंचायत जैसे चुनाव में इस नये ट्रेंड को लेकर लोग जमकर चटखारे भी लेते देखे जा रहे हैं।