बांह में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे फार्मासिस्ट, वेतन विसंगति पर नाराजगी
फार्मासिस्टों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार से हुई वार्ता के दौरान मांगों पर विचार करने का भरोसा दिलाया गया था लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका।
वाराणसी, जेएनएन । लंबित मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने सोमवार को बांह में काली पट्टी बांधकर मंडलीय अस्पताल में प्रदर्शन कर सभा की। उन्होंने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। सरकार ने शीघ्र मांगों पर विचार नहीं किया तो संघ अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि तीन दिन बांह में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया जा रहा है, फिर भी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो छह-सात दिसंबर को दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा। आठ दिसंबर को द्वितीय शनिवार का सामूहिक उपभोग और 10 दिसंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया। धरने का नेतृत्व कर रहे संघ के मंत्री अभिजय श्रीवास्तव ने बताया कि वेतन विसंगति की रिपोर्ट करीब डेढ़ वर्ष से शासन में लंबित है, भत्तो का वर्षो से पुनरीक्षण नहीं हुआ।
महानिदेशालय के प्रस्ताव के बाद भी संवर्ग के पदों का पुनर्गठन नहीं हो रहा, कार्य और आवश्यकता के मुताबिक मानक नहीं बन रहे, पदों का सृजन लंबित है, ट्रामा सेंटरों में अभी तक फार्मेसिस्ट के एक भी पद सृजित नहीं हुए, उच्च पदों का सृजन भी नहीं हो रहा है जिससे पदोन्नति नहीं हो पा रही, नियुक्ति प्रक्रिया भी बाधित है। फार्मासिस्ट के करीब 500 से अधिक पद रिक्त हैं जबकि फार्मासिस्ट रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में आरके सिंह, सुमित, आरके आदि शामिल थे।