वित्त मंत्री जी सुनिए : दवा दुकानों पर खत्म हो फार्मासिस्ट की बाध्यता, ताकि कारोबार हो और बेहतर
पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी काशी है। यही से पूरे पूर्वांचल में दवाएं भेजी जाती हैं। यहां प्रतिदिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी काशी है। यही से पूरे पूर्वांचल में दवाएं भेजी जाती हैं। यहां प्रतिदिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। यहां के कारोबारियों के सामने कई समस्याएं भी हैं। कई वर्षों से उनकी मांग है कि दवा की दुकानों पर फार्मासिस्ट की बाध्यता खत्म हो और टैक्स कम किया जाए। इस बार के बजट में उन्हें वित्त मंत्री द्वारा टैक्स में छूट की उम्मीद है।
बोले विशेषज्ञ:
दवा कारोबार में अक्सर ही विभाग की छापेमारी व अधिकारियों का उत्पीडऩ झेलने पड़ते हैं। इसे हर हाल में रोका जाए। साथ ही जीवन रक्षक दवाओं से टैक्स हटा दिया जाए। इससे कारोबारियों पर दबाव तो कम होगा ही साथ ही मरीजों को भी राहत मिलेगी। साथ ही नीतियों को और सरल बनाने की जरूरत है, ताकि दवा कारोबार में युवा व्यवसायी भी आगे आ सके।
- सुधीर अग्रवाल, दवा कारोबारी
अब तो आशा कार्यकर्ताओं को दवा वितरण की छूट दी गई है। ऐसे में सरकार से अपेक्षा है दवा दुकानदारों को भी यह छूट दी जाए। - गणेश गुप्ता
सरकार से अपेक्षा है कि जीएसटी कम हो और जीवन रक्षक दवाओं का मूल्य नियंत्रण हो। कैंसर व अन्य घातक रोगों की दवा सस्ती हो। - आनंद सिंह
जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स पूरी तरह हटा दिया जाना चाहिए। इसका लाभ मरीजों को भी मिलेगा। नियमों को सरल किया जाए। - सुदीप चतुर्वेदी