वाराणसी में प्रियंका वाड्रा के खिलाफ याचिका खारिज, बोले महंत - 'बाबा विश्वनाथ का कोई जाति धर्म नहीं'
प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा कि मंदिर के महंत ने यह अभिमत व्यक्त किया है कि बाबा विश्वनाथ का कोई जाति धर्म नहीं है
वाराणसी, जेएनएन। प्रियंका गांधी द्वारा विगत दिनों विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने के खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी यादव की अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा कि मंदिर के महंत ने यह अभिमत व्यक्त किया है कि बाबा विश्वनाथ का कोई जाति धर्म नहीं है, वह सभी के हैं।
प्रियंका वाड्रा भी हिन्दू भावना से बाबा के प्रति भाव लेकर आई हैं, जिसका स्वागत किया गया है। वैसे भी मंदिर में सभी जाति, धर्म के लोगों को दर्शन पूजन कराया जा रहा है। अदालत ने कहा कि किसी के मंदिर में दर्शन पूजन करने से किसी की भावना आहत नहीं होती हैंं। प्रियंका गांधी द्वारा ऐसा कृत्य नहीं किया गया है, जो संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में आवेदक का प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है।
अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उनका आरोप था कि कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ईसाई धर्मावलंबी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके द्वारा वाराणसी आगमन के दौरान 20 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर दर्शन पूजन किया गया जिससे हिंदुओं की धार्मिक भावना आहत हुई है।
मंदिर में दर्शन-पूजन करने पर रोक लगाने के लिए जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों से अपील किया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिवक्ता ने अदालत से अपील किया था कि उन्हें तथा मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, पुजारी तथा अन्य लोगों को तलब कर दंडित किया जाय।