70 के दशक जैसा आज भी है स्वाद, इस टमाटर चाट के अलग हैं ठाट
वाराणसी में लक्सा स्थित दीना चाट भंडार के व्यंजनों का स्वाद ही अनोखा है लेकिन यहां की सबसे पसंद की जाने वाली चाट है टमाटर चाट।
वाराणसी (अनुराग सिंह) : काशी के लोग हों या बाहर से आने वाले अन्य राज्यों के पर्यटक व विदेशी नागरिक सभी को अपनी ओर खींचती है लक्सा स्थित दीना चाट भंडार की चटपटी व लजीज चाट की सुगंध। इस दुकान का सबसे चटपटा, स्वादिष्ट व फेमस आइटम है टमाटर चाट। ग्राहक देशी हों या विदेशी सभी की पहली डिमाड होती है यह आइटम। एक बार जो भी इसका टेस्ट लेता है तो वह इसका दीवाना हो जाता है। ग्राहक इसके स्वाद के इतने मुरीद हो जाते हैं कि इसे खाने के बाद घर के लिए भी पैक कराते हैं। इस चाट की डिमाड सिर्फ बनारस ही नहीं बल्कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि शहरों तक बनी हुई है।
चाट की पहले ग्रेवी बनती है। इसे बनाने के लिए खोवा, मावा, काजू, किशमिश, सरसों का तेल, घर पर बना गरम मसाला, कस्तूरी मेथी, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च आदि का प्रयोग किया जाता है। इसके बाद टमाटर को आलू के साथ आधे घटे भूनते हैं, फिर उसमें ग्रेवी डालते हैं। इसके साथ ही देशी घी, नींबू का रस और शकरपाला डालते हैं, जिससे चाट का स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है। यही कारण है कि दीना की चाट पूरे देश में फेमस है। इसके अलावा दीना चाट भंडार के कई और आइटम फेमस हैं। जैसे- टिकिया छोला, गोलगप्पा पानी, पालक पत्ता चाट, पापड़ी चाट, छोला समोसा, खास्ता कचौड़ी दही, सोहाल छोला, गुलाब जामुन, चुड़ा मटर, कुल्फी मटका आदि। दुकान पर बैठने वाले अतुल केशरी बताते हैं कि उनके दादा स्व. दीनानाथ केशरी सन् 1970 में कुल्चा, गोलगप्पा पानी, टिकिया चाट आदि सिर पर लेकर शहर में बेचते थे। इसके बाद चौक पर दुकान खोली, जो चल पड़ी। फिर क्या था उसी से दूसरी दुकान लक्सा पर खोली। आज भी पूरी कोशिश होती है कि ग्राहकों को जो स्वाद दादाजी के समय मिलता था उसी को बनाए रखें। उन्हीं की देन है कि तीसरी पीढ़ी इस दुकान को चला रही है।