Move to Jagran APP

हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों ने छोड़ा घर, छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे गांवों में पांच दिन से आया है हाथियों का झुंड

छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे बभनी ब्लाक के विभिन्न गांवों में पांच दिनों से हाथियों का झुण्ड उत्पात मचाया हुआ है। हाथी शाम होते ही गांव में घुस कर तांडव कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 05:17 PM (IST)
हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों ने छोड़ा घर, छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे गांवों में पांच दिन से आया है हाथियों का झुंड

सोनभद्र, जेएनएन। छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे बभनी ब्लाक के विभिन्न गांवों में पांच दिनों से हाथियों का झुण्ड उत्पात मचाया हुआ है। हाथी शाम होते ही गांव में घुस कर तांडव कर रहे हैं। रविवार की शाम को हाथियों का झुंड गांव में घुस गया और ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। ऐसी स्थिति में कई लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरे के घर में जाकर रहना पड़ा। वन विभाग का प्रयास भी अब बौना साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने मदद की गुहार लगाते हुए हाथियों को जंगल की तरफ भेजने के लिए वन विभाग से बड़ा अभियान चलवाने का अनुरोध किया है। 

loksabha election banner

भंवर ग्राम पंचायत के मगरमाड़ गांव निवासी मंधारी, मान सिंह, हूब लाल का घर गिरा दिया और घरों में रखे महुआ, मक्का, धान खा गए। इसके साथ ही फसलों को भी क्षति पहुंचाया। भयभीत हो ग्रामीण छोटे बच्चों के साथ घर छोड़कर रात होते ही अन्यत्र चले जा रहे है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मदद की गुहार लगायी है। वन विभाग ग्रामीणों की मदद से हाथियों को जंगल से भगाने में जुटा है। तीन वन रेंज के अफसर रात भर हाथियों को भगाने में जुटे हैं। बताया गया कि मान सिंह, कामेश्वर, अनुराग, सुखनारायण, हुबलाल रामेश्वर, रामलखन जगसाय, लाल शाय अहिबरन, रामसुभाग राम लखन की अरहर, धान, सरसो की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। मगरमाड गांव में नाबालिग सिह, लालशाय, विमला देवी के घर में रखा धान, मक्का अरहर की फसल को रौद डाला और खटिया बर्तन को तोड फोड मचाते हुए घर गिरा दिया। हाथियों का उत्पात रंपाकुरर, डूमरहर, भंवर आदि गांवों में है। 

नही थम रहा हाथियों का तांडव : मंगलवार की देर रात डुमरहर गांव पहुंचे हाथियों के झुंड ने उदर शाह, बालगोविन्द, जगनारायन का घर गिरा दिया। वहीं दूसरी ओर सेमरिया गांव में घर के सामने मचान बनाकर सो रहे दो सगे भाइयों शोभा व चन्द्रिका को घायल कर दिया। गंभीर हालत में दोनों को बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। रात भर हाथियों के झुंड के तांडव से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। घर गिरने से लोगों में और भी असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।

हाथियों की संख्या है ज्यादा

बताया जा रहा कि हाथियों के झुंड में दो बच्चे हैं। बच्चे जिधर जा रहे है झुण्ड भी उधर घर मकान गिराते हुए पहुंच जा रहा है। सोमवार को बभनी सहित म्योरपुर, जरहा रेंज के अफसर अपनी टीम के साथ हाथियों को जगल के रास्ते छत्तीसगढ़ की सीमा तक भगाया। लेकिन हाथी सोमवार की रात करमघट्टी गांव में पहुंच गए। इस दौरान करमघट्टी ग्राम प्रधान रामकुमार सहित भंवर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजेंद्र कुमार, बभनी वनक्षेत्रधिकारी अवध नारायण मिश्रा, जरहां वनक्षेत्रधिकारी दिनेश कुमार, म्योरपुर रेज के वन क्षेत्राधिकारी ग्रामीणों के साथ हाथियों को खदेडऩे में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि इनकी कुल संख्या करीब 15 है। 

 

प्रधान के घर रात गुजारे लोग

बभनी क्षेत्र के करघट्टी, मगरमाड़ के सैकडों ग्रामीण प्रधान के घर तीन दिन से रुके हुए हैं। जगलों के किनारे बसे आदिवासी तीन दिन से घर होते हुए भी बेघर होकर रात गुजरने को विवश हैं। सोमवार की रात करमघट्टी गांव में हाथियों का झुंड घुस गया। इस वजह से सैकड़ों लोग प्रधान के घर रात गुजारे। ग्रामीणों की मानें तो हाथियों का झुंड छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे घने जंगलों में दिन बीताते हैं। रात होते ही गावों में घुस उत्पात मचाते हैं। 

टायर जलाकर रात गुजारते हैं लोग

हाथियों के झुण्ड से भमभीत ग्रामीण रात हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही घर छोड़ ग्राम प्रधान के घर पहुंच गए। बच्चो के साथ वहीं रात गुजारे। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजेंद्र कुमार ने बताया की ट्रैक्टर का टायर जला कर सभी को सुरक्षित किया गया। बताया जाता है कि आग की लपटों को देखकर हाथी दूर भागते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.