काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में खुले ट्रक से कूड़ा उठान, दुर्गंध से राहगीर परेशान Varanasi news
काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 टन निकलने वाले कचरे का उठान इन दिनों खुले ट्रक से हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 टन निकलने वाले कचरे का उठान इन दिनों खले ट्रक से हो रहा है। न तिरपाल की व्यवस्था न बंद गाड़ी का इंतजाम। दुर्गध इतनी की छात्र-छात्रा से लेकर आम राहगीर भी परेशान हो रहे हैं। बावजूद इसके न तो विवि प्रशासन और न ही कार्यदायी संस्था इस ओर ध्यान दे रही है। विश्वविद्यालय परिसर में खुले ट्रकों में ही परिसर में कूड़ा उठाकर विभिन्न मार्गो से डेयरी विभाग के पास गिरा जा रहा है, जबकि पहले ट्रकों पर कूड़ा तिरपाल से ढक कर ले जाने की व्यवस्था थी।
ऐसे में परिसर में जिन रास्तों से कूड़ा लेकर ट्रक जाता है वहां से गुजरने वाले छात्र, शिक्षक व राहगीर दुर्गध से परेशान हो जा रहे हैं। कई बार इसकी शिकायत संबंधित विभाग से करने के बाद भी समस्या जस-की तस बनी हुई है। बीएचयू परिसर से निकलने वाले ठोस व तरल कचरे के अमेरिकन तकनीक से निस्तारण के लिए कुछ माह पूर्व अनुबंध हुआ था, जिसके मुताबिक कंपनी को कचरा प्रबंधन के साथ ही इससे बिजली भी बनानी थी। इस पूरी प्रक्रिया का खर्च कंपनी को ही वहन करना था।
कूड़ा फेंकने वालों से वसूले 1.21 लाख रुपये
कूड़े से पटे शहर के खिलाफ प्रशासन की तंद्रा टूटी है। जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेटों ने सोमवार को अभियान चलाया। अपर नगर मजिस्ट्रेट (एसीएम) मदन मोहन वर्मा ने कार्रवाई करते हुए 61 दुकानदारों से एक लाख चार हजार रुपये वसूले। एसीएम ने बताया कि गोदौलिया से लहुराबीर तक देर रात दुकानों के सामने कूड़ा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसमें 61 दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इसी प्रकार सिटी मजिस्ट्रेट ने अपने क्षेत्र में अभियान चला कर कार्रवाई करते हुए 42 लोगों से 17 हजार 200 रुपये का अर्थदंड वसूला। इन अधिकारियों की साथ कार्रवाई कर रही नगर निगम की टीम के साथ चले अभियान में उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह आगे भी अभियान चला कर कार्रवाई करें। लोगों को चेतावनी दी गई कि कूड़ा व्यवस्थित रूप से डालने के लिए दुकान के सामने डस्टबिन रखें। ऐसा नहीं करने वालों पर आगे भी कार्रवाई की जाएगी।