पराली जलाई तो 15 हजार तक जुर्माना, डीएम ने दिए टास्क फोर्स गठन के आदेश
वायु प्रदूषण व कृषि अपशिष्ट को जलाने वाले लोग अब सावधान हो जाएं क्योंकि जो भी किसान पराली जलाएंगे उनसे जुर्माना वसूला जाएगा।
वाराणसी, जेएनएन। वायु प्रदूषण व कृषि अपशिष्ट को जलाने वाले किसान भाई अब सावधान हो जाएं। उन्होंने अगर पराली जलाई तो 25 सौ से 15 हजार रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओर से पारित आदेश के बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कृषि अपशिष्ट को जलाए जाने से रोकने के लिए सूबे के सभी जिलाधिकारियों को कार्रवाई सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने सभी तहसीलों में उपजिलाधिकारी एवं प्रत्येक विकास खण्ड अधिकारियों को पराली और अन्य कृषि अपशिष्टों को जलाने से रोकने के लिए सचल दस्ता गठित करने के निर्देश दिए।
डीएम सुरेंद्र सिंह ने बताया कि पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए अर्थदंड वसूलने के लिए कृषकों का वर्गीकरण उपलब्ध कृषि भूमि के आधार पर किया है। दो एकड़ तक के किसाने से 2500 तक का जुर्माना, दो एकड़ से पाच एकड़ तक के कृषक पर 5000 जुर्माना और 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों से 15,000 रुपये तक जुर्माना वसूलने का आदेश है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कृषि अपशिष्टों को जलाने वाले कृषि और कंबाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ स्ट्रॉ रीपर विद बाइंडर का प्रयोग नहीं करने वाले मशीन मालिकों के खिलाफ भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पराली जलाने की परंपरा अब पूर्वी उत्तरप्रदेश में भी किसानों के बीच प्रचलित हो गई है। पहले इसे पशुओं को खिलाया जाता था मगर अब इसे खेत में ही जलाकर नष्ट कर दिया जा रहा है जो प्रदूषण का कारण ही नहीं बल्कि खेत की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट कर रहा है।