पीसीओडी से महिलाओं में होता है बांझपन, अनियमित महावारी और मोटापा की समस्या
जागरूकता फैलाने के लिए रविवार को कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करते हुए रविवार को जागरूकता तथा निशुल्क प्रसूति एवं स्त्री रोग परामर्श शिविर का आयोजन हुआ। इसमें मरीजों को स्वास्थ्य जांच व दवा वितरण कराया गया।
वाराणसी, जेएनएन। पीसीओडी (पालीस्टिक ओवरी डिसआर्डर) के कारण महिलाओं में बांझपन, अनियमित महावारी एवं मोटापा की समस्याएं होती हैं। इस लिए इसमें सावधानी बरतनी जरूरी है। इसे लेकर जागरूकता फैलाने के लिए रविवार को कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करते हुए रविवार को जागरूकता तथा निशुल्क प्रसूति एवं स्त्री रोग परामर्श शिविर का आयोजन हुआ। इसमें मरीजों को स्वास्थ्य जांच व दवा वितरण कराया गया।
शिविर में निशुल्क दवा के साथ साथ मास्क वितरण तथा ब्लड प्रेशर की जांच हुई। शिविर में चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की सीनियर रेजिडेंट व एमजीएम हास्पिटल मुंबई की पूर्व स्त्री रोग विशेष डा. संध्या ने एवं सहयोगी डा. सुनील तथा वरिष्ठ डाक्टरों की टीम द्वारा स्त्री रोगों से जुड़ी समस्याओं के निदान हेतु परामर्श दिया गया। जेपी मल्टीस्पेश्यलिटी हास्पिटल, फरीदपुर, सारनाथ में आयोजित शिविर में 88 मरीज आए, जिसमें सर्वाधिक 52 महिलाओं में महावारी संबंधी अनियमितताएं पाई गई। 12 महिलाओं में पीसीओडी (पालीस्टिक ओवरी डिसआर्डर), 10 महिलाओं में फाइब्राराइड तथा 14 मरीजों में ल्यूकोरिया, बांझपन प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लडप्रेशर एवं रक्त की कमी आदि समस्याएं देखी गई।
प्रसुति पूर्व सलाह व गर्भावस्था के दौरान खानपान, सावधानियां एवं अन्य समस्याओं संबंधी जानकारी का भी लाभ गर्भवती महिलाओं को मिला। डा. संध्या ने बताया कि पीसीओडी के कारण महिलाओं में बांझपन, अनियमित महावारी एवं मोटापा की समस्याएं होती हैं। शिविर में कोरोना संक्रमण पर लोगों को जागरूक करते हुए डा. संध्या ने बताया कि कि साल 2020 कोरोना सक्रमण के कारण उदासी, भय और हताशा में बीता। जब तक कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक हम सभी सावधानियां बरते और कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करें, जिससे हम भी सुरक्षित रहे और हमारे परिजन भी। दो गज दूरी मास्क है जरूरी। कार्यक्रम में जगदीश यादव, अलका बाजपेयी, विनोद कुमार यादव, कमल कुमार यादव, बबलू पांडेय आदि उपस्थित थे।