Mirzapur जिले में तीन माह बाद भी नहीं हुआ भुगतान, प्रभारी ने कहा- ले जाओ अपना धान
मीरजापुर में धान क्रय केंद्र भुइली में धान खरीद बंद होने के तीन महीने बाद भी उठान न होने से केंद्र प्रांगण में बाहर रखा धान बरसात से भीग कर अंकुरित हो गया।
मीरजापुर, जेएनएन। धान क्रय केंद्र भुइली में धान खरीद बंद होने के तीन महीने बाद भी उठान न होने से केंद्र प्रांगण में बाहर रखा धान बरसात से भीग कर अंकुरित हो गया। वही संबंधित जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे है। क्रय केंद्र पर छह माह पूर्व किसानों द्वारा बेचे गए अपने धान का पैसा मिलने को कौन कहे, उन्हें केंद्र से भींगा हुआ धान ले जाना को कहा जा रहा है। ऐसे में भुगतान न होने के कारण भीगा हुआ धान वापस ले जाने को विवश है। किसानों ने आक्रोश जताया कि यह कहा का नियम है कि एक बार खरीदा जाता है उसके बाद सड़ाकर वापस किया जा रहा है। सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात कह रही वही धरातल पर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
भुइली धान क्रय केन्द्र पर वर्ष 2019-20 में कुल 10816.20 क्विंटल धान खरीद की गई। इसके सापेक्ष अभी तक 5200 क्विंटल धान उठान मिलों द्वारा किया गया। शेष 5616.20 क्विंटल धान का उठान नहीं किया गया। धान की खरीद 29 फरवरी को बंद होने के बावजूद समिति गोदाम से धान उठान नहीं किया गया। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक (सह) मित्रसेन वर्मा द्वारा धान उठाने के लिए पूर्व में कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उन्होंने जारी पत्र में कहा था कि शासन के महत्वाकांक्षी योजना का माखौल बनाया जा रहा है। आप की निष्क्रियता के कारण समिति तथा पीसीएफ के परिसंपत्तियों का नुकसान होने की प्रबल संभावना है। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा जारी क्रय नीति में उल्लिखित है कि हाङलिंग के लिए धान का उठान संबद्ध राइस मिलों द्वारा किया जाएगा। धान खरीद बंद होने के तीन महिने बाद भी धान का उठान न कराया जाना आपकी घोर लापरवाही का द्योतक है। निर्देश दिया है कि सामंजस्य बनाकर सात दिन के अंदर अवशेष धान का उठान करके देय सीएमआर का प्रेषण कराएं।
दिसंबर माह में धान दिया था और अभी तक खाते में रुपये नहीं आया
किसान ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि धान क्रय केेंद्र भुइली पर दिसंबर माह में धान दिया था जब खाते में पैसा नहीं आया तो सचिव से पूछने पर कहा गया कि अपना धान ले जाओ। पैसा नहीं मिलेगा। कृषक आशीष कुमार के अनुसार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद धान दिया गया था छह माह तक पैसे के लिए हीलाहवाली करते हुए धान वापस ले जाने को कहा गया। बरसात से धान भीग कर खराब हो गया है अब क्या करें। किसान संकठा प्रसाद सिंह ने कहा कि पोर्टल बंद होने या फिडिंग न होने का जिम्मेदार किसान नहीं है, धान खरीद की गई तो उसका भुगतान होना चाहिए। दिन रात की मेहनत कर पैदा किए फसल का धन न देकर सड़ाकर वापस करना अन्याय है।
पोर्टल बंद होने के कारण किसानों का फीडिंग नहीं हो पाया
तीस किसान से 1508.60 क्विंटल धान खरीदा गया था पोर्टल बंद होने के कारण किसानों का फीडिंग नहीं हो पाया। 29 फरवरी को पोर्टल खुलने पर सभी किसानों का फीडिंग न होने से उनको पैसा नहीं मिल पाया। अब तक दस किसान अपना धान कुल 378.40 क्विंटल वापस ले जा चुके है।
- संजय मिश्रा, प्रभारी धान क्रय केंद्र भुइली।