Move to Jagran APP

मौसम बदलते ही अस्पतालों में बढ़ने लगे मरीज, सुबह नौ बजते ही लग रही रोगियों की भीड़

मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। बरसात के कारण पिछले कुछ दिनों से तापमान में हो रहे बदलाव से लोगों में मौसमी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 08:00 AM (IST)
मौसम बदलते ही अस्पतालों में बढ़ने लगे मरीज, सुबह नौ बजते ही लग रही रोगियों की भीड़
मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं।

गाजीपुर, जेएनएन। पूर्वांचल में मौसम का रुख बदलने के साथ ही बीमारियां भी सिर उठाने लगी हैं। अस्‍पतालों में मरीजों की भीड़ होने की वजह से अस्‍पतालों पर काफी दबाव भी है। लोगों का आरोप है कि पूर्व की भांति डीडीटी या मच्छररोधी दवा का छिड़काव प्रशासन के स्‍तर पर नहीं हो रहा है। 

loksabha election banner

गहमर गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पिछले दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। बरसात के कारण पिछले कुछ दिनों से तापमान में हो रहे बदलाव से लोगों में मौसमी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या आमतौर पर 100 के आसपास रहती थी, जो अब बढ़कर 150 से अधिक हो गई है। अस्पताल में सुबह नौ बजते ही काउंटर पर मरीजों की लाइन लगी रही। वहीं दवा काउंटर पर भी लोगों की भीड़ लगी रही। बारिश के मौसम में लोगों को वायरल बुखार भी हो रहा है। इसके अलावा उल्टी-दस्त, टाइफाइड की बीमारी हो रही है। गर्मी की अपेक्षा बारिश में बीमार पड़ने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बरसात में स्वस्थ रहने के लिए जल जनित रोगों से बचाव जरूरी है। जगह-जगह जल जमाव से भी बीमारी बढ़ने का खतरा बना रहता है, जबकि कहीं भी डीडीटी या मच्छररोधी दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है।

साफ-सफाई के अभाव में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। दूषित पानी से डायरिया, टायफायड, सर्दी-जुकाम सहित अन्य बीमारियां फैल रही हैं। पानी व भोजन पर ध्यान देकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गहमर के प्रभारी डा. शिशिर कपूर के अनुसार बरसात में डायरिया व टायफायड का सर्वाधिक प्रकोप बच्चों पर होता है। उल्टी-दस्त, बुखार की शिकायत अधिक होती है। बच्चों को पानी उबाल कर ठंडा होने पर पिलाएं। बासी भोजन नहीं खानें दें। भोजन व पानी ढंककर रखें। चिकित्सक की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.