मंडुआडीह स्टेशन पर टिकट के लिए भटके यात्री, भीड़ का दबाव बढ़ते ही खुली विभागीय तैयारियों की कलई
दबाव बढ़ते ही मंडुआडीह स्टेशन पर तैयारियों की कलई खुलने लगी है। रविवार को द्वितीय प्रवेशद्वार पर जनरल टिकट के लिए यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ा।
वाराणसी, जेएनएन। दबाव बढ़ते ही मंडुआडीह स्टेशन पर तैयारियों की कलई खुलने लगी है। रविवार को द्वितीय प्रवेशद्वार पर जनरल टिकट के लिए यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ा। तीन में से दो काउंटर बंद होने से भीड़ का दबाव मुख्य प्रवेशद्वार पर बढ़ गया था। ट्रेन छूटने की जल्दबाजी में लोग टिकट पाने की जद्दोजहद करते दिखे। ट्रेन जाने के बाद स्थितियां सामान्य हुईं।
बंद मिले तीन काउंटर
मंडुआडीह स्टेशन से नई ट्रेनों के संचालन से पहले रेल प्रशासन ने सभी तैयारियों का दावा किया था। बावजूद इसके शनिवार और रविवार को द्वितीय प्रवेशद्वार स्थित तीन काउंटरों में से सिर्फ एक से ही टिकट वितरण का कार्य किया जा रहा था। मुख्य प्रवेशद्वार पर भी 14 बजे से रात्रि 22 बजे के शिफ्ट में चार में से तीन काउंटर खुले हुए थे। द्वितीय प्रवेशद्वार पर मौजूद एटीवीएम (आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन) की सुविधा नाकाफी साबित हो रही है।
15 हजार यात्रियों का बढ़ा दबाव
नई ट्रेनों के संचालन से मंडुआडीह स्टेशन पर 15 हजार यात्रियों का अतिरिक्त दबाव बढ़ा है। आंकड़ों पर गौर करें तो हर दिन 22 से 25 हजार यात्री यहां से सफर पर निकलते हैं। सुविधा के मद्देनजर रेलवे प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर तैयारियों पर जोर दिया है। फिर भी टिकट खिड़की के बंद होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बोले यात्री
- मंडुआडीह स्टेशन से चेन्नई जाना है, टिकट की लाइन में एक घंटे से ज्यादा समय बीत गया। लोग किनारे से भी टिकट ले रहे हैं। - राजवीर सिंह, चेन्नई के यात्री
- टिकट के लिए काउंटर पर मारामारी हो रही है। बगल का काउंटर बंद पड़ा है। खुल जाता तो सुविधा होती।
-बृजेश यादव, नई दिल्ली के यात्री
- ट्रेन छूटने का समय हो गया है, काउंटर पर इतनी लंबी भीड़ है कि नंबर आने तक अभी और इंतजार करना पड़ेगा। - महेंद्र कुमार, मुंबई के यात्री
बोले अधिकारी
यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए रेल प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। द्वितीय प्रवेशद्वार पर एटीवीएम की सुविधा भी मौजूद है। फिलहाल बंद काउंटर को फौरन खोलने का प्रबंध किया जाएगा। - अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे।