वाराणसी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम को झटका, 29 सदस्य कांग्रेस में शामिल
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) पार्टी के 29 सदस्यों ने शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। कचहरी स्थित कार्यालय पर नए सदस्यों को अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शहनवाज आलम ने सदस्यता ग्रहण ग्रहण कराई। इससे ओवैसी को वाराणसी में पांव जमाने में तगड़ा झटका लगा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) पार्टी के 29 सदस्यों ने शनिवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। कचहरी स्थित कार्यालय पर नए सदस्यों को अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शहनवाज आलम ने सदस्यता ग्रहण ग्रहण कराई। कांग्रेस का दामन थामने के बाद महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की मेहनत और लगन को देखकर हमलोगों ने कांग्रेस के पंजे से हाथ मिलाया है। वहीं कांग्रेस से जुड़ने की वजह से ओवैसी को पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में काफी नुकसान माना जा रहा है।
सदस्यता ग्रहण करने वालो में आसिफ खान, परवेज़ खान, अब्दुल करीम, मो इक़बाल, हयातुल्ला खान, खुर्शीद खान, आसिफ सिद्दीकी, नेयाज सिद्दीकी, नफीस अहमद, फ़िरोज़ अंसारी, तहंसीम अख्तर, शमा वारसी, रिजवान परवीन, अयतुन्निशा, हैदरी बेगम, नूर बानो, हदीसुन्निशा, नसीबा बानो, रेशमा बानो थीं। इसके अलावा दस अन्य कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण किया। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, सरिता पटेल, फ़साहत हुसैन, अशोक सिंह, सफक रिजवी, हसन मेहदी कब्बन, शाहिद तौसीफ, दयाराम पटेल, अफसर खान, रोहित दुबे, अनुभव राय, परवेज खान थे।
पूर्वांचल में ओवैसी के साथ सुभासपा : प्रदेश में सुभासपा के साथ ओवैसी की पार्टी तालमेल कर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। साल की शुरुआत में ओवेसी के साथ ओम प्रकाश राजभर ने पूर्वांचल का दौरा कर सियासी संभावनाओं की पड़ताल की थी। हालांकि, सौ सीटों के लिए ओवैसी की पार्टी लड़ने की तैयारी कर रही है। वहीं पूर्वांचल में अब कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों को अंतिम रूप देने के क्रम में नए सदस्यों को पार्टी से जोड़ा जा रहा है। जबकि प्रियंका गांधी ने वाराणसी के कार्यकर्ताओं संग वीडियो संवाद कर चुनाव के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने का संदेशा जारी किया था। इसके बाद पार्टी की पहल पर अमूमन ओवैसी की पार्टी की वाराणसी में पूरी कार्यकारिणी का कांग्रेस में विलय हो चुका है। इसकी वजह से अब ओवैसी की पार्टी का अस्तित्व वाराणसी में शेष नहीं है।