मुस्लिमों को दिग्भ्रमित करने वाले ओवैसी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे : मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल
मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ल ने कहा कि एनआरसी व एनपीआर को लेकर मुस्लिमों को दिग्भ्रमित करने वाले ओवैसी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।
बलिया, जेएनएन। एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता व विधायक वारिस पठान के आपत्तिजनक बयान पर राजनीति गर्म हो गई है। रविवार के इस मुहिम में सूबे के मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ल भी कूद पड़े। पठान के 15 करोड़ बनाम 100 करोड़ वाले पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी व वारिस पठान को आड़े हाथों लिया। कहा कि एनआरसी व एनपीआर को लेकर मुस्लिमों को दिग्भ्रमित करने वाले ओवैसी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।
नगर के गोपाल विहार कालोनी में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत में बोल रहे थे। कहा कि कानून से बचने के लिए घर की महिलाओं को सड़क पर बैठाने वाले न तो बात करने के काबिल हैं और न ही चुनौती देने का उनमें मद्दा है। वारिस पठान ने हिंदुओं को खुली चुनौती देकर घृणित मानसिकता को उजागर कर दिया है। ऐसे लोगों की मानसिकता को भाजपा कभी सफल नहीं होने देगी। जो अपनी नागरिकता साबित नहीं करेगा उसे देश में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सौ करोड़ हिंदुओं के मुकाबिल 15 करोड़ मुसलमानों को खड़ा करने वाले शायद यह भूल रहे हैं कि जिस दिन एक भी हिंदू जग जाएगा उस दिन राष्ट्र विरोधी मानसिकता रखने वालों को सिर छुपाने की जगह नहीं मिलेगी। एक कानून ने ओवैसी जैसी मानसिकता वालों के अंदर इतना खौफ पैदा कर दिया है कि अपनी जान बचाने के लिए महिलाओं व बेटियों का सहारा ले रहे हैं।
नागरिकता साबित करने के ओवैसी क्या उनके अब्बा व अम्मी को भी कब्र से बाहर आना होगा
चुनौती देते हुए कहा कि नागरिकता साबित करने के ओवैसी क्या उनके अब्बा व अम्मी को भी कब्र से बाहर आना होगा। ये किस खेत की मूली है। बुझदिलों की रहनुमाई करने वाले ओवैसी सहित उसकी भाषा बोलने वालों को देश में रहने के लिए कागजात दिखाना ही होगा। अन्यथा कि स्थिति में उन्हें देश में रहने नहीं दिया जाएगा। वारिस पठान के बयान से तिलमिलाए मंत्री ने यहां तक कह डाला कि बाबार व औरंगजेब की डर से धर्म परिवर्तन करने वाले देश की कौमी एकता को खंडित करने पर तुले हुए हैं। इसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां के हिंदू गुरु गोविंद सिंह व फतेह सिंह जोरावर के दिवाने हैं उनकी गीदड़ भभकी से डरने वाले नहीं है। ओवैसी जैसे गद्दार, देशद्रोही व हिंदू विरोधी कैसे संसद में पहुंच गए यह सोचनीय है। ऐसी घृणित मानसिकता वालों के मंसूबे को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा।