वाराणसी में गरीब बच्चों की शिक्षा में मदद के साथ मेधाआें को आेपन माइक के जरिए मंच देने का प्रयास
सामाजिक सरोकार के क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों का समूह इन दिनों गरीब बच्चों की मदद के साथ ही मेधाआें को मंच देने का प्रयास कर रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। सामाजिक सरोकार के क्रम में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के विद्यार्थियों का समूह इन दिनों गरीब बच्चों की मदद के साथ ही मेधाआें को मंच देने का प्रयास कर रहा है। बीते दिनों भी आयोजन के जरिए जहां छात्रों के समूह ने नई प्रतिभाओं को ओपन माइक शो के जरिए मंच दिया वहीं आयोजन के दौरान गरीब बच्चों के लिए कापी किताब और स्टेशनरी संग्रह कर जरूरतमंद बच्चों में वितरित कर सामाजिक सरोकारों से नाता जोड़ा था। अब इसी कड़ी में दूसरी बार ओपन माइक शो का आयोजन छात्रों की ओर से इस रविवार को किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग आयोजन से जुड़कर दूसराें की भी मदद में अपना सहयोग कर सकें।
पूर्व की ही भांति इस बार भी जरूरतमंद और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए आयोजित चैरिटी शो 'सुनो! एक किताब लेते आना' का आयोजन 20 अक्टूबर को '#राह : एक बात अधूरी' व राजस्थान के 'सेईंग्स ऑफ माई हर्ट : द राइटिंग कम्युनिटी' द्वारा रथयात्रा स्थित रसना फैमिली रेस्टोरेंट में सुबह 11 बजे से आयोजित किया जा रहा है। अगर आप भी गरीब बच्चों के लिए कापी किताबेें और स्टेशनरी डोनेट करना चाहते हैं तो कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही गरीब और जरूरतमंदर बच्चों को यह डोनेट कर सकते हैं।
समारोह के दौरा कलेक्ट हुई स्टेशनरी को छात्रों द्वारा ही किसी स्कूल के दिन ही जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाएगा। वहीं किसी में अगर हुनर है तो उसे भी ओपन माइक के मंच से अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका दिया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजन में शामिल सपना तिवारी, गौरी मौर्या, इलिशा सुमन और प्रिया शर्मा ने बताया कि कोई भी हमारा फेसबुक पेज लाइक कर इस आयोजन से जुड़ सकता है। आयोजन में शामिल होने से पूर्व पंजीकरण भी कराना होगा। पूरे आयोजन की थीम 'राह: एक बात अधूरी' रखी गई है।
दीवाली के लिए खास आयोजन : छात्र इस बार दिवाली के अवसर पर अनाथालय, वृद्धा आश्रम के लोगों के बीच में उनकी जरूरत के सामान का वितरण भी करने की तैयारी में हैं। अपने घरों से दूर रहने वालों की दिवाली को खुशियों से रोशन करने के उद्देश्य से कार्यक्रम में आने वाले सभी दर्शकों, कलाकारों और अतिथियों से पुराने कपड़े और मिट्टी के बने दीए आदि चीजें लाने की अपील की गई है।