निर्देश के बाद भी वाराणसी में कई अस्पतालों की OPD बंद रही, लौटा दिए गए मरीज
मंडलीय अस्पताल में पहले से ही जहां ओपीडी संचालित हैं वहीं आदेश के बाद भी वाराणसी के अधिकांश अस्पतालों की ओपीडी बंद ही रही।
वाराणसी, जेएनएन। गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों की परेशानियों के मद्देनजर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी निजी अस्पतालों की ओपीडी एक अप्रैल से खोलने के लिए निर्देशित किया था। मंडलीय अस्पताल में पहले से ही जहां ओपीडी संचालित हैं, वहीं आदेश के बाद भी जनपद के अधिकांश अस्पतालों की ओपीडी बंद ही रही।
शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय की ओपीडी में दोपहर दो बजे तक मरीज देखे गए और उन्हें दवा भी दी गई। उधर, ओपीडी संचालन की सूचना पर सुबह से ही बीएचयू अस्पताल की ओपीडी में भी मरीज पहुंचने लगे, मगर ओपीडी बंद देख सभी वापस लौट गए। बीएचयू अस्पताल प्रशासन के मुताबिक कैंसर की ओपीडी छोड़ बाकी ओपीडी सहित इलेक्टिव ओटी, सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी आदि अगले आदेश तक के लिए बंद हैं। मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद जनपद के अधिकांश हास्पिटल से मरीज लौटाए गए। जबकि सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि लॉकडाउन के दौरान निजी चिकित्सालयों को खोलने की व्यवस्था की जाए। साथ ही प्रबंधकों को चिकित्सीय सेवा पूरी तरह उपलब्ध कराने को निर्देशित किया जाए।
हास्पिटल में डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति निश्चित अवधि में सुनिश्चित हो। हास्पिटल संचालकों को बताया जाए कि शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मरीज देखे जा सकते हैं। अस्पतालों में समुचित चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का भी सहयोग लिया जाए। वार्ता के बाद भी यदि कोई हॉस्पिटल निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।