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वाराणसी में आज से खुलेंगी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी, आइएमए का लिया जाएगा सहयोग

मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी एक अप्रैल से खोलने का आदेश दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 09:50 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 09:50 AM (IST)
वाराणसी में आज से खुलेंगी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी, आइएमए का लिया जाएगा सहयोग
वाराणसी में आज से खुलेंगी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी, आइएमए का लिया जाएगा सहयोग

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर बीएचयू अस्पताल ही नहीं अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों ने ओपीडी सहित इलेक्टिव ओटी, सुपर स्पेशियलिटी ओपीडी आदि अगले आदेश तक के लिए बंद किए थे। इससे जहां गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों को खासी दिक्कत हो रही थी, बल्कि उनके परिजन भी हलकान थे। ऐसे में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन राजेंद्र कुमार तिवारी ने प्रदेश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की ओपीडी एक अप्रैल से खोलने का आदेश दिया है।

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सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि लॉकडाउन के दौरान निजी चिकित्सालयों को खोलने की व्यवस्था की जाए। साथ ही प्रबंधकों को चिकित्सीय सेवा पूरी तरह उपलब्ध कराने को निर्देशित किया जाए। हास्पिटल में डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति निश्चित अवधि में सुनिश्चित हो। हास्पिटल संचालकों को बताया जाए कि शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मरीज देखे जा सकते हैं। अस्पतालों में समुचित चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का भी सहयोग लिया जाए। वार्ता के बाद भी यदि कोई हॉस्पिटल निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। इस बाबत जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीबी सिंह को इससे अवगत करा दिया गया है। बीएचयू सहित सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में बुधवार से मरीज देखे जा सकेंगे।

गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीज थे परेशान

कई जनपदों से लगातार शिकायत जा रही थी कि कुछ निजी चिकित्सालय या तो बंद हैं या उनके यहां मरीज ही नहीं देखे जा रहे हैं। सामान्य मरीज तो जैसे-तैसे काम चला रहे हैं। मगर गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे मरीजों का कोई पुरसाहाल नहीं। इमरजेंसी का विकल्प जरूर दिया गया है, लेकिन वहां जाने पर इन्हें लौटा दिया जा रहा है। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते परिवार के सदस्य भी दिन-रात परेशान हैं। शहर में कहीं भी कोई भी डाक्टर इन्हें देखने को तैयार नहीं। आइएमए-वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष व एपीआई-वाराणसी के अध्यक्ष डा. पीके तिवारी के मुताबिक हर बीमारी की अपनी मृत्यु दर होती है। हृदय, फेफड़े की बीमारी, सांस की बीमारी, पैंक्रियाज में पथरी आदि को सामान्य बीमारी नहीं कहा जा सकता है। गंभीर बीमारियों में सही समय पर इलाज न मिलने से भविष्य में स्थिति और भी खराब होगी।

मंडलीय अस्पातल में संचालित रही ओपीडी

शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय में मंगलवार को भी सभी ओपीडी संचालित रही। डीएम के मुताबिक एक ओर जहां अन्य अस्पतालों में ओपीडी बंद की गई थी, वहीं मंडलीय अस्पताल में लॉकडाउन के दौरान मरीजों की दुश्वारियों का ध्यान रखते हुए ओपीडी संचालन का निर्देश दिया गया था।


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