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ओपीडी, कोविड वैक्सिनेशन सेंटर पर नहीं पहुंचे चिकित्सक, प्रभारियों को वाराणसी में नोटिस

कोविड वायरस की दूसरी लहर मंद हो चुकी है। संक्रमण से बचाव को लेकर टीकाकरण प्राथमिकता पर चल रहा है। शासन का इस बाबत सख्त निर्देश भी है। बावजूद लापरवाही चरम पर है। टीकाकरण के लिए लोगो को घण्टो सेंटर पर लाइन में खड़े होना पड़ रहा हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 04:45 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 04:45 PM (IST)
संक्रमण से बचाव को लेकर टीकाकरण प्राथमिकता पर चल रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। कोविड वायरस की दूसरी लहर मंद हो चुकी है। संक्रमण से बचाव को लेकर टीकाकरण प्राथमिकता पर चल रहा है। शासन का इस बाबत सख्त निर्देश भी है। बावजूद लापरवाही चरम पर है। टीकाकरण के लिए लोगो को घण्टो सेंटर पर लाइन में खड़े होना पड़ रहा हैं। वजह चिकित्सको के समय से उपस्थिति न होना बताया जा रहा है।

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जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, एसवीएम चिकित्सालय भेलूपुर, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौकाघाट एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गाकुंड में चिकित्सकों के समय पर न आने, टीकाकरण हेतु लोगों को इंतजार कराए जाने, ओपीडी में चिकित्सकों के समय से न रहने की शिकायत को गंभीरता लिया है।यह शिकायते पब्लिक की और से की गई है। डीएम ने मंडलीय अपर निदेशक, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक श्री शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक राजकीय महिला चिकित्सालय, अधीक्षक एसवीएम चिकित्सालय भेलूपुर एवं अधीक्षक शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौकाघाट एवं दुर्गाकुंड को शिथिल पर्यवेक्षण के मामले में नोटिस जारी किया है। साथ ही शाम तक इस मामले में जवाब भी मांगा है।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने चिकित्सा विभाग के इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा है कि वर्तमान में कोरोना महामारी का दौर चल रहा है व इस माहौल में समस्त चिकित्सालयों में कोविड एवं नान कोविड मरीजों का समुचित उपचार, सुचारू रूप से टीकाकरण, चिकित्सकों का समय से अस्पताल में उपस्थित रहना आदि अत्यंत आवश्यक है। इन व्यवस्थाओं के न रहने से एक तरफ अस्पताल आने वाले मरीजों को काफी असुविधा उत्पन्न होती है, वहीं दूसरी तरफ जनसामान्य में गलत संदेश जाता है। प्राप्त शिकायत से स्पष्ट है कि चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सकों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि चिकित्सा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की शिथिलता अथवा कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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