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12 दिन में रिहंद जलाशय के जलस्तर में एक फीट की गिरावट, पनबिजली घर के सभी टरबाइन से किया जा रहे संचालित

रिहंद बांध से संचालित पन बिजली परियोजना के लगातार संचालन का असर बांध के जल स्तर पर भी दिखने लगा है। महज 12 दिन के अंदर बांध के जल स्तर में एक फीट की गिरावट दर्ज की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 10 Oct 2021 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 10 Oct 2021 09:20 PM (IST)
12 दिन में रिहंद जलाशय के जलस्तर में एक फीट की गिरावट, पनबिजली घर के सभी टरबाइन से किया जा रहे संचालित
रिहंद बांध से संचालित पन बिजली परियोजना के लगातार संचालन का असर बांध के जल स्तर पर दिखने लगा है।

जागरण संवाददाता, सोनभद्र। रिहंद बांध से संचालित पन बिजली परियोजना के लगातार संचालन का असर बांध के जल स्तर पर भी दिखने लगा है। महज 12 दिन के अंदर बांध के जल स्तर में एक फीट की गिरावट दर्ज की गई है। 28 सितंबर को बांध का अधिकतम जल स्तर 867.4 फीट दर्ज किया गया था, वहीं रविवार को यह स्तर 866.2 फीट दर्ज किया गया है, जबकि पिछले वर्ष 10 सितंबर को रिहंद बांध का जल स्तर 867.8 फीट दर्ज किया गया था। 50-50 मेगावाट के छह टरबाइन अपनी फुल क्षमता के साथ संचालित हो रहे हैं। इससे 280 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

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लगातार परियोजना के संचालन से पैदा हुई समस्या

वर्तमान में कोयले की किल्लत के कारण बिजली की उत्पन्न समस्या के समाधान के लिए रिहंद स्थित पनबिजली परियोजना को 17 से 18 घंटे लगातार संचालित किया जा रहा है। परियोजना से 280 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। लगातार पनबिजली परियोजना के संचालन के कारण बांध के जल स्तर में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। रिहंद बांध का जलभराव 870 फीट है। जलाशय का क्षेत्रफल 180 वर्ग मील है। परियोजना के अधिशासी अभियंता एसके राय ने बताया कि बांध के जल स्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। मानसून सत्र समाप्त हो चुका है, इसलिए इस पर विशेष नजर है।


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