Move to Jagran APP

डायरिया की चपेट में रामनगर, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कम पड़ी जगह, एक महिला ने तोड़ा दम

स्वच्छता और संक्रामक रोगों के प्रति जागरूकता का पाठ पढ़ाने और फोटो खिंचाने में व्यस्त अफसरों की बेपरवाही रामनगरवासियों पर भारी पड़ गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 04:02 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 04:30 PM (IST)
डायरिया की चपेट में रामनगर, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कम पड़ी जगह, एक महिला ने तोड़ा दम
डायरिया की चपेट में रामनगर, लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में कम पड़ी जगह, एक महिला ने तोड़ा दम

वाराणसी, जेएनएन। स्वच्छता और संक्रामक रोगों के प्रति जागरूकता का पाठ पढ़ाने और फोटो खिंचाने में व्यस्त अफसरों की बेपरवाही रामनगरवासियों पर भारी पड़ गई है। मंगलवार को 24 घंटे में उल्टी-दस्त यानी डायरिया से ग्रस्त 75 लोग लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल पहुंचे। इससे भारी भरकम अस्पताल के बेड कम पड़े तो एक पर दो को जगह दी गई। इससे भी बात न बनी तो गलियारे में भी बेड लगाने पड़े। इस तरह भर्ती की समस्या तो हल कर ली गई लेकिन नर्सिंग स्टाफ की कमी से इंजेक्शन लगाने-बोतल बदलवाने तक के लिए इंतजार करना पड़ा। अस्पताल आने वालों में लगभग सभी वार्डों से थे। 

loksabha election banner

जनकपुर निवासी अतवारी देवी (55) को सोमवार रात एलबीएस हास्पिटल रामनगर में भर्ती कराया गया था। मगर हालत सुधरने के बजाय गंभीर होती लगी गयी। मंगलवार को उन्हें बीएचयू रेफर कर दिया गया जहां इलाज के दौरान देर रात अतवारी देवी ने दम तोड़ दिया। वहीं मंगलवार को 24 घंटे में ही एलबीएसएच में 75 भर्ती किए गये थे।

डायरिया पीडि़तों के अस्पताल आने का सिलसिला तो दो दिन पहले ही शुरू हो गया था लेकिन इसने सोमवार की देर रात जोर पकड़ा। सुबह तक इनकी संख्या 42 तक पहुंची तो शाम तक 33 मरीज और आ गए। इससे संक्रामक रोग वार्ड के बाद इमरजेंसी, महिला और सामान्य वार्ड के बेड भरते चले गए। नर्सिंग स्टाफ की कमी के साथ शौचालय की संख्या सीमित होने से भी मरीजों को फजीहत झेलनी पड़ी। नगर के बड़े अस्पताल का हाल देख सक्षम परिवारों ने निजी अस्पतालों का रूख कर लिया। इससे छोटे-बड़े निजी अस्पताल भी डायरिया पीडि़तों से भरे रहे। सीएमएस डा. कमल कुमार का कहना था कि डायरिया के मरीजों की संख्या अधिक होने पर आकस्मिक वार्ड में डाक्टरों-कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है। इसमें डा. एनके यादव व डा. राबिन सिंह को भी लगाया गया है। 

सरकारी नलों का पानी जांच में फेल

डायरिया के संक्रामक रूप लेने का कारण सरकारी नलों से आ रहा पीने का पानी बना। अस्पताल पहुंचे मरीजों की केस हिस्ट्री के आधार पर डाक्टरों ने इसे स्वीकार किया। स्वास्थ्य विभाग ने भी पानी की जांच कर इसे पुष्ट कर दिया। मंगलवार सुबह रामनगर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अमूमन सभी वार्डों से पानी के 12 नमूने लिए। इसमें छह फेल पाए गए, इनका क्लोरीनेशन नहीं किया जा रहा था। 

अब पीएंगे टैैंकर का पानी  

पानी की स्थिति देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रामपुर, बारी गढ़ही, कोदोपुर समेत प्रभावित मोहल्लों में आपूर्तित पेयजल पाईप लाईन में सुपर क्लोरीनेशन की नगर पालिका परिषद अध्यक्ष रेखा शर्मा व अधिशासी अधिकारी को सलाह दी। स्थिति सामान्य होने तक टैंकर से पेयजल आपूर्ति का आग्रह किया। 

 

जलजमाव व लीकेज से भी बंटाधार 

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों से मुलाकात कर हाल जाना और प्रभावित मोहल्लों में भ्रमण कर रोग के प्रसार के कारणों की जानकारी ली। इसमें पाया गया कि जगह-जगह पेयजल पाईप लाईन में लीकेज के साथ ही जलजमाव से दूषित पानी घरों में पहुंच रहा है। फाईलेरिया नियंत्रण इकाई को घर-घर भ्रमण कर लोगों को क्लोरीनयुक्त व स्व'छ पेयजल सेवन  की सलाह देने का निर्देश दिया गया। टीम में एसीएमओ डा. बीबी सिंह व डा. जंग बहादुर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. पीयूष राय व डा. सूबेदार राम, फार्मासिस्ट अजय श्रीवास्तव आदि थे। 

पिछले साल रामलीला के स्वरूप भी आए थे डायरिया की चपेट में 

दूषित पेयजलापूर्ति के कारण ही पिछले साल रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला के तीन प्रमुख पात्र भी डायरिया की चपेट में आए थे। लक्ष्मण व भरत-शत्रुघ्न के बीमार होने से दो दिनों तक लीला स्थगित करनी पड़ी थी। इस साल संक्रामक रोगों का सीजन शुरू होने से पहले शासन के निर्देश पर सभी संबधित विभागों की भागीदारी से दो बार माह व्यापी जागरूकता अभियान चलाए गए। इसके बाद भी जल आपूर्ति को लेकर सक्रियता नहीं दिखी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.