छठ महापर्व 2021 : संझवत की शाम साठी के चावल की बखीर से होगा रसियाव
व्रत-अनुष्ठान के दूसरे दिन मंगलवार को व्रती जन रसियाव-रोटी (बखीर) के विधान पूरा करेंगी। दिन भर के उपवास के साथ सुबह में खजूर (मैदा का पकवान) बनाएंगी तो वहीं शाम को मिट्टी के चूल्हे पर रसियाव-रोटी बनाकर संझवत की परंपरा निभाएंगी।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। लोक आस्था का महापर्व डाला छठ का आरंभ सोमवार को नहाय खाय के साथ हो गया। प्रात: स्नान ध्यान कर व्रती महिलाओं ने वेदी पूजन किया। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत अनुष्ठान का संकल्प लिया। मिट्टी के चूल्हे पर देशी घी में जीरे से बघारी गई लौकी की सब्जी और नए चावल का भात बनाकर आहार स्वरूप ग्रहण किया।
व्रत-अनुष्ठान के दूसरे दिन मंगलवार को व्रती जन रसियाव-रोटी (बखीर) के विधान पूरा करेंगी। दिन भर के उपवास के साथ सुबह में खजूर (मैदा का पकवान) बनाएंगी तो वहीं शाम को मिट्टी के चूल्हे पर रसियाव-रोटी बनाकर संझवत की परंपरा निभाएंगी। इसके साथ शुरु हो जाएगा महापर्व डाला छठ का कठिन निराजल व्रत।
रसियाव का अमृत रस और रोटी की जुगलबंदी है बेहद खास : व्रत-अनुष्ठान के दूसरे दिन रसियाव-रोटी का आहार ग्रहण करने की परंपरा है। इसकी तैयारी व्रती महिलाएं एक हफ्ते से कर रही हैं। मंगलवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य और वेदी पूजन के बाद मिट्टी के चूल्हे पर हाड़ी में नया गुड़, साठी के चावल का खीर और रोटी बनाएंगी। उसके बाद दोनों प्रसाद को छठी मइया को समर्पित करने के बाद संतान के नाम से अग्रासन निकाला जाता है। इसके बाद व्रती महिलाएं उस प्रसाद को छकती हैं। रसियाव का अमृत रस और रोटी की जुगलबंदी सैकड़ों किलोमीटर दूर रहने वाले परिवार के हर सदस्य को इन चार दिनों के लिए खींचकर एक आंगन में लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
साफ-सफाई के साथ दिनभर चलती रही व्रत-अनुष्ठान की तैयारीचार दिनी व्रत अनुष्ठान के पहले दिन की लोक परंपरा का निर्वहन करने के बाद व्रती महिलाएं घरों की साफ-सफाई के साथ ही दिनभर व्रत-अनुष्ठान की तैयारी में जुटी रहीं। कोई दउरा-सूप की खरीदारी में व्यस्त रहा तो कोई धुले गेहूं की पिसाई करवाने में।
आज सूर्य सरोवर का होगा शुद्धिकरण : लोकपर्व डाला छठ के लिए बरेका स्थित सूर्य सरोवर में भी तैयारी तेज हो गई है। सोमवार को सरोवर की सफाई के बाद मंगलवार को सरोवर में पांच कलश गंगाजल डालकर सरोवर का शुद्धिकरण किया जाएगा। पूजा समिति के अध्यक्ष चंद्रेश्वर ओझा ने बताया कि अभी तक 125 लोगों को पूजा के लिए पास जारी किया गया है। मंगलवार को भी पास का वितरण किया जाएगा।