15वें वित्त आयोग की टीम द्वारा एसटीपी से संबंधित सवालों का जवाब देने में अधिकारियों के छूटे पसीने
15वें वित्त आयोग की टीम द्वारा एसटीपी से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए जिस पर गंगा प्रदूषण इकाई के अधिकारियों के पसीने छूट गए।
वाराणसी, जेएनएन। 15वें वित्त आयोग की टीम द्वारा एसटीपी से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए, जिस पर गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों के पसीने छूट गए। गंगा व वरुणा में गिर रहे सीवर नालों को बंद करने की अंतिम तिथि पूछा तो जवाब मिला मार्च 2020 तक। जब पूछा गया कि शाही नाला और उसकी ब्रांच व अन्य नाले कब टैप होगा तो अधिकारी अवाक रह गए। उत्तर प्रदेश जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजय कुमार खत्री ने कहा कि इसके लिए प्राक्कलन रिपोर्ट तैयार हो गई है।
निविदा प्रक्रिया शुरू है। 2020 के अंत तक यह कार्य हो जायेगा। वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह के नेतृत्व में दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रविवार को दोपहर बाद टीम एसटीपी दीनापुर पहुंची थी। आयोग ने 140 और 80 एमएलडी के प्लाट की कार्यप्रणाली से संबंधित तकनीकी और व्यवहारिक पहलुओं पर लगभग आधे घटे तक विस्तारपूर्वक अधिशासी अभियंता विवेक सिंह से पूछताछ की। एक सदस्य ने जब पूछा कि गंगा में स्नान योग्य पानी कब तक हो जायेगा, तो अधिकारी चुप्पी साध गए।
सदस्यों ने गंगा के वाराणसी में प्रवेश करने और बाहर जाने पर जल की गुणवत्ता बनाए रखने को कहा। टीम ने शोधन संयंत्रों की कार्य कुशलता, क्षमता के अनुरूप संचालन, आसपास गावों के लोगों की प्रतिक्रिया पर भी सवाल पूछा। बिजली उत्पादन, प्लांट संचालन में खर्च होने वाली बिजली, शोधित जल में बीओडी व टीएसएस की मात्रा भी पूछा। उन्होंने एसटीपी द्वारा शोधित जल का नमूना भी देखा। इसके पूर्व टीम के सदस्यों ने लालपुर स्थित टीएफसी का निरीक्षण व सारनाथ का भ्रमण किया। शाम को सभी लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
आने वाला समय यूपी टूरिज्म का : एनके सिंह 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह का कहना है कि सारनाथ में हिन्दू, जैन और बौद्ध तीनों धर्मो की प्राचीन परम्परा है। यह देश के गौरव की बात है। सारनाथ में पुरातत्व स्थलों के भ्रमण के दौरान उन्होंने कहा कि देश में देसी-विदेशी पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब पर्यटकों में भी जागरूकता बढ़ गई है। आने वाला समय उत्तर प्रदेश टूरिज्म का होगा। चेयरमैन सपत्नीक सुबह साढे़ 11 बजे पुरातात्विक संग्रहालय पहुंचे। सहायक पुरातत्वविद् डा.नीतेश सक्सेना ने उन्हें पुरातात्विक उत्खनित स्थलों, पुरातात्विक संग्रहालय आदि का अवलोकन कराया। संग्रहालय में रखे राष्ट्रीय चिह्न शीर्ष सिंह को देखकर वे काफी अभिभूत हुए और बोले यही है देश की धरोहर।