world cancer Day : बनारस में बढ़ रही सर्वाइकल कैंसर पीडि़तों की संख्या, वर्ष 2019 में मिले नौ मरीज
ब्रेस्ट कैंसर के बाद बनारस की महिलाओं में सबसे अधिक खतरा सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का है।
वाराणसी, जेएनएन। ब्रेस्ट कैंसर के बाद बनारस की महिलाओं में सबसे अधिक खतरा सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर का है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2019 में चार हजार से अधिक महिलाओं की जांच हुई। इनमें कुल नौ महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त पाई गईं, जबकि 169 में इसके शुरूआती लक्षण पाए गए।
चिकित्सकों के मुताबिक यह एक खतरनाक प्रकार का कैंसर है, जो 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है। समय रहते बचाव न करने पर यह बेहद खतरनाक रूप अख्तियार कर लेता है। गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण बनती है। यह महिलाओं को उनके प्रजनन काल के दौरान होता है। 30-35 वर्ष के बीच होने पर यह कैंसर 55-65 वर्ष की उम्र तक अपने अंतिम स्टेज पर पहुंच जाता है। गर्भाशय से शुरू होते हुए यह धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। महिलाओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर सबसे प्रमुख है। पंडित दीन दयाल हास्पिटल स्थित संपूर्णा क्लिनिक में वर्ष 2015 से सर्वाइकल कैंसर की प्रारंभिक अवस्था के लिए स्क्रीनिंग एवं वीआइए विधि से निश्शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2015 से नौ जनवरी 2020 तक यहां करीब 23 हजार से अधिक महिलाओं की जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्लीनिक में नौ से 14 वर्ष तक की किशोरियों को एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा वायरस) वैक्सीन निश्शुल्क लगाई जाती है, जिससे सर्वाइकल कैंसर से बचाव होता है।
पूर्वांचल में बढ़ी चिकित्सा सुविधा
- बीएचयू अस्पताल स्थित रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष प्रो. यूपी शाही के मुताबिक पूर्वांचल सहित पूर्वी यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल व नेपाल तक के मरीजों का बोझ बनारस पर है। इस लिहाज से यहां पिछले कुछ सालों में कैंसर के इलाज की सुविधाएं भी बढ़ी हैं। बीएचयू का रेडियोथेरेपी विभाग, महामना कैंसर हॉस्पिटल-बीएचयू, होमी भाभा कैंसर हास्पिटल-लहरतारा सहित एपेक्स हास्पिटल में भी कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
- महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की वृद्धि का मुख्य कारण जागरूकता का अभाव है। इसकी गंभीरता, बचाव व उपलब्ध इलाज विधियों की जानकारी के लिए जनवरी को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया गया। - डा. वीबी सिंह, सीएमओ।