एनएसई में लिस्टिंग से हथकरघा व अन्य उद्योग बिना कर्ज के पूंजी बाजार से जुटाएंगे
एसएमई के उद्यमियों को शेयर बाजार से जोडऩे से कारोबार की स्थिति में बदलाव होगा, फिलहाल अभी एनएसई में उत्तर प्रदेश के मात्र आठ एसएमई ही लिस्टिंग में है।
वाराणसी [सौरभ चक्रवर्ती] : एसएमई के उद्यमियों को शेयर बाजार से जोडऩे से कारोबार की स्थिति में बदलाव होगा। अभी एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में उत्तर प्रदेश के मात्र आठ एसएमई (स्माल ऐंड मीडियम इंटरप्राइजेस) ही लिस्टिंग में है। बदलते आर्थिक परिवेश में निवेश की प्रक्रिया बढ़ती जा रही है। उद्यमियों को शेयर बाजार में अपनी कंपनी को जोडऩा होगा लोगों को अपनी कंपनी की विशेषताओं के बारे में बताना होगा। इससे उद्यमियों को निवेशकों से धन की प्राप्ति होगी और बिजनेस बेहतर होगा।
यह विचार सोमवार को छावनी स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट आफिसर रवि वाराणसी ने वक्त की। कहा कि नेशनल स्टाक एक्सचेंज द्वारा लघु व मध्यम उद्यमियों को एक मंच पर लाने के प्रयास किया जा रहा है। वाराणसी और आसपास के क्षेत्र के हथकरघा सहित कई उद्योग बिना कर्ज के पूंजी बाजार से जुटा पाएंगे। इसके लिए एनएसई इमर्ज पर कंपनी सूची बद्ध होगी। देश में अभी तक 177 एसएमई कंपनियां सूचीबद्ध हैं। जिन्होंने 2750 करोड़ रुपये पूंजी बाजार से जुटाए हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार व एनएसई के एक जिला, एक उत्पाद के विकास के लिए भी एमओयू हुआ है। इसके लिए जल्द ही वाराणसी में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मनोज कुमार, चीफ जनरल मैनेजर सेबी ने उद्यमियों को शेयर बाजार के तौर-तरीकों व फायदे से अवगत कराया। दीपक शर्मा, मैनेजिंग डायरेक्ट सार्थिक ग्रुप ने बदलते आर्थिक परिवेश की जानकारी दी। संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने कहा कि कारोबार का माहौल बदला है और अब निवेश के बारे में भी सोचा जा रहा है। वाराणसी व आसपास के जिलों में एसएमई की गतिविधियां तेज रही।
इसके बाद उद्यमियों, निर्यातकों, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सचिव के पदाधिकारियों ने सवाल-जवाब के सत्र में एनएससी व सेबी की गतिविधियों पर चर्चा की। इस मौके पर उद्यमी व विभिन्न संगठनों से जुड़े सम्मानित जनों का सम्मान किया गया। इसमें आरके चौधरी, अशोक गुप्ता, शिशिर उपाध्याय, विनय शुक्ला, दीपक मिश्रा, अब्दुल हादी, विवेक वर्मा, कमल अग्रवाल, शेषपाल गर्ग, अमित, पवन मुख्य रूप से रहे। संचालन जयेश टावरी और आभार रचाना ने प्रकट की।