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सिपाहियों को भड़काने वाले बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव पर लगी रासुका

सिपाहियों को भड़काने के आरोप में जिला जेल में बंद बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव को डीएम सुरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम में निरुद्ध किया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 27 Oct 2018 05:25 PM (IST)Updated: Sat, 27 Oct 2018 05:25 PM (IST)
सिपाहियों को भड़काने वाले बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव पर लगी रासुका
सिपाहियों को भड़काने वाले बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव पर लगी रासुका

वाराणसी [जेपी पांडेय] । कानून का पालन कराने, आम नागरिकों की रक्षा करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस में भी बगावत के स्वर उठ चुके हैं, इसी कड़ी में उच्च अधिकारियों के खिलाफ सिपाहियों को भड़काने के आरोप में जिला जेल में बंद बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव को वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के लिए संस्‍तुति कर दी है। लिखा है कि जेल से बाहर निकलने पर आरोपी द्वारा फिर माहौल खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में बर्खास्त सिपाही को जेल में रहने में ही समाज का हित है। साथ में कानून का पालन हो सकेगा। 

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बर्खास्त सिपाही बृजेंद्र सिंह यादव ने अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर 'रक्षक कल्याण ट्रस्ट' बनाकर स्वयं को उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया। स्वयं द्वारा बनाए गए न्यूज चैनल 'रक्षक कल्याण न्यूज चैनल' में चार अक्टूबर को 2.50 घंटे इंटरव्यू को प्रसारित किया जिसमें 2.24 से 2.42 घंटे के बीच बर्खास्त सिपाही द्वारा यह कहा गया कि कर्मचारियों को हमने बोल दिया है, पांच अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर विरोध जताएं, 11 अक्टूबर को मेस में हड़ताल करें। इसके बाद बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा, इसका इतिहास गवाह होगा। बर्खास्त सिपाही ने शासन विरुद्ध लोक व्यवस्था बिगाडऩे के उद्देश्य से आंदोलन किया गया है। इसके चलते पुलिस बल दुष्प्रेषण होने के साथ आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई। 

धारा 144 का किया उल्लघंन : वाराणसी में धारा 144 लागू होने के बाद भी बर्खास्त सिपाही जिला मुख्यालय के बाहर पांच अक्टूबर को सिपाही को भड़काने का काम किया। वह लखनऊ में विवेक तिवारी हत्याकांड में शामिल सिपाही के पक्ष में भी बयान दिया। 

कैंट इंस्पेक्टर की नहीं मानी बात : जिला मुख्यालय के बाहर बर्खास्त सिपाही को प्रदर्शन करने से मना किया तो भी वे विरोध में नारेबाजी करता रहा। वहां गुजर रहे सिपाहियों को रोक-रोकर संगठन बनाने के साथ शासन के खिलाफ एकजुट होने की बात करता रहा। 

अपराधी का पीछा करते समय बंद कर दें मोबाइल : सिपाही ने जारी बयान में कहा कि अपराधी का साइकिल से पीछा करें लेकिन अपना मोबाइल बंद कर दें, मोबाइल सिर्फ व्यक्तिगत कामों के लिए इस्तेमाल करें। अपराधी भागता है तो भागने दें, अराजकता पैदा होगा तब समझ में आएगा।


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