यूपी में भी एनआरसी की सुगबुगाहट, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मऊ की जनसभा में दिया चर्चाओं काे बल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय नागरिक रजिस्टर यानि एनआरसी को देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अहम बता कर नई चर्चा को बल दिया है।
मऊ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भारतीय नागरिक रजिस्टर यानि एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) को देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए अहम बता कर नई चर्चा को बल दिया है। उन्होंने देर शाम आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने एनआरसी बना दिया है। इससे न केवल देश से घुसपैठिए बाहर होंगे, बल्कि भारत को धर्मशाला समझकर आतंकी गतिविधियां चलाने वालों के मंसूबे भी पूरे नहीं हो सकेंगे।
मंच से उन्होंने बताया कि अपनी ही धरती पर बैठ कर भारत विरोधी गतिविधियां चलाने का मंसूबा रखने वाले देश की सुरक्षा में सेंधमारी नहीं कर सकेंगे। इसी तरह दूसरी बार प्रधानमंत्री बनते ही नरेंद्र माेदी ने आतंकवाद का पर्याय बन चुकी अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। सरकार ने यह कार्रवाई करके आतंकवाद की ताबूत में अंतिम कील ठोंक दी गई है। अब आराम से सुरक्षा बल आतंकियों को निपटा सकेंगे। कश्मीर जो कभी देश का स्वर्ग कहा जाता था, उसे पुन: स्वर्ग बनाकर वहां से विस्थापित लोगों को पुन: स्थापित करने का काम सरकार करेगी। सरकार ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के नारे पर काम करना शुरू कर दिया है। इसी काम के लिए देश की जनता ने भाजपा की सरकार को पूर्ण बहुमत से चुना था, सारे वादों अब पूरा किया जाएगा।
अपनी सभा में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा एनआरसी को लेकर बयान देने के बाद अब सियासी हलकों में यह भी चर्चा सिर उठाने लगी है कि यूपी में भी सरकार असोम की ही तरह घुसपैठियों को बाहर करने के लिए नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस की प्रक्रिया लागू कर सकती है। मऊ की जनसभा में सीएम द्वारा यह मामला उठाने के बाद से ही पूर्वांचल में एनआरसी की चर्चाएं यूपी के संदर्भ में जाेर पकड़ने लगी हैं। दरअसल बांग्लादेश से घुसपैठ करने के बाद लोग पूर्वांचल में काफी तादात में आकर बस गए हैं। सड़कों के किनारे टेंट से लेकर अवैध कालोनियों तक में उनकी पहुंच ने उत्तर प्रदेश में भी चुनौतियां पेश की हैं।
वहीं नकली दस्तावेजों के सहारे काफी संख्या में बांग्लादेशी लोगों ने राशन कार्ड, आधार और वोटर कार्ड के अलावा पैन कार्ड तक बनवा रखे हैं। पूर्व में भी कई ऐसे मामले उजागर होने के बाद प्रशासनिक तौर पर सक्रियता भी दिखी मगर सुबूतों के अभाव में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही थी। अब उत्तर प्रदेश में एनआरसी मामले की चर्चा शुरू होने के बाद सियासी सरगर्मी इस मामले में बढ़नी तय मानी जा रही है। खासकर यूपी के पूर्वी छोर पर बसे पूर्वांचल के जिलों में जहां अवैध बांग्लादेशी लोगों की तादात सर्वाधिक मानी जा रही है। पूर्व में नई दिल्ली में एनआरसी लागू करने की भाजपा पदाधिकारियों की मांग के बाद से देश भर में एनआरसी को लेकर चर्चाएं जारी हैं।