अब गैस से चलेंगे ट्रक, पहले चरण में वाराणसी, पटना, कोलकाता व भुवनेश्वर में होंगे कार्य
तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय स्वर्णिम चतुर्भुज साउथ व वेस्ट कॉरिडोर पर गैस से बस व ट्रक संचालित करने को देश में 340 एलसीएनजी स्टेशन बनाएगा।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय स्वर्णिम चतुर्भुज, साउथ व वेस्ट कॉरिडोर पर गैस से बस व ट्रक संचालित करने को देश में 340 एलसीएनजी (लिक्विफाइड कांफ्रेहेंसिव नेचुरल गैस) स्टेशन बनाएगा। वाराणसी स्थित गेल इंडिया लिमिटेड को मंत्रालय ने पत्र भेजकर २५०० वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराने को कहा है। योजना के तहत पहले चरण में वाराणसी, पटना, कोलकाता व भुवनेश्वर में एलसीएनजी स्टेशन बनने हैं। स्टेशनों के निर्माण पर 3000 करोड़ खर्च होने की बात है। एक स्टेशन की क्षमता करीब 80 हजार किलोलीटर की होगी।
चीन व अन्य यूरोपीय देशों में एलसीएनजी से वाहनों का संचालन सफल है। डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में वर्ष 2035 तक वाहनों में 14 मिलियन मीट्रिक टन नेचुरल गैस खपत करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए हाईवे पर हर 100 किलोमीटर पर एक एलसीएनजी स्टेशन बनेंगे। एलसीएनजी से लंबी दूरी के ट्रक या बस के संचालन से करीब 20 प्रतिशत खर्च की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। गेल के उप महाप्रबंधक गौरीशंकर मिश्र ने बताया कि गेल ने जिला प्रशासन को जमीन के लिए पत्र लिखा है। साथ ही गेल भी अपने स्तर पर भूमि तलाश रही है।
यह है एलसीएनजी
एलसीएनजी द्रव की अवस्था में वाहनों के टैंक में भरा जाएगा। जब वाहन के इंजन चलने शुरू होंगे तो इंजन में लगी किट उसे गैस में परिवर्तित कर देगी। इस प्रक्रिया में खर्च कम आएगा।
केंद्र सरकार की यह बहुत ही स्वर्णिम योजना है। इसके तहत देश के विभिन्न हाईवे पर 340 एलसीएनजी स्टेशन बनेंगे। पहले चरण में स्टेशन खोलने के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। स्टेशन के खुलने के बाद डीजल पर से निर्भरता कम होगी साथ ही पर्यावरण का भी संरक्षण होगा।
- एसएन यादव, मुख्य महाप्रबंधक, गेल इंडिया लिमिटेड, वाराणसी।