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फोर्टिफाइड ब्लेंडर मशीन वाली राइस मिलों से ही अब होगा अनुबंध, दिसंबर से शुरू होगी दराई

दूसरे के जमीन या लीज पर चलने वाली राइस मिलों का भू-स्वामी से कम से कम 10 साल का करार या किरायेदारी होनी चाहिए। कुपोषण से जंग में सहायक फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कवायद की जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 12:53 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 12:53 PM (IST)
कुपोषण से जंग में सहायक फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कवायद की जा रही है।

चंदौली, जागरण संवाददाता। सरकार अब फोर्टिफाइड ब्लेंडर मशीनों वाली राइस मिलों से ही धान दराई के लिए अनुबंध करेगी। इसको लेकर जिला खाद्य व विपणन विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं। शर्त है कि दूसरे के जमीन या लीज पर चलने वाली राइस मिलों का भू-स्वामी से कम से कम 10 साल का करार या किरायेदारी होनी चाहिए। कुपोषण से जंग में सहायक फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन बढ़ाने के लिए कवायद की जा रही है।

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पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अतिपिछड़े जिले चंदौली में एक साल पहले फोर्टिफाइड चावल तैयार कर वितरण शुरू किया गया। इसके परिणाम कारगर रहे। ऐसे में सरकार ने अब सभी जिलों में लागू करने का निर्देश दिया है। इसके लिए आवश्यक है कि फोर्टिफाइड चावल का उत्पादन बढ़ाया जाए। ऐसे में मिलरों को फोर्टिफाइड चावल बनाने वाली ब्लेंडर मशीनें लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। सरकार ने गाइडलाइन में बदलाव करते हुए अब ब्लेंडर मशीन वाली राइस मिलों से ही धान दराई के लिए अनुबंध करने के निर्देश दिए हैं। जिले की 42 राइस मिल में ब्लेंडर मशीनें लगी हैं।

कैसे बनता है फोर्टिफाइड चावल, क्या है गुण : चावल को पीसकर इसमें फोलिक एसिड व विटामिन ई-12 का मिश्रण कर चावल के आकारनुमा एक दाना तैयार किया जाता है। इसके लिए शासन ने नोएडा व जयपुर की दो कंपनियों से अनुबंध किया है।यहां से फोर्टिफाइड चावल मंगाकर मिलरों को दिया जाता है। ब्लेंडर मशीनें सामान्य चावल के 100 दानों में एक दाना फोर्टिफाइड चावल का मिश्रित कर देती हैैं। एक दाना फोर्टिफाइड चावल सामान्य चावल के 100 दानों को पौष्टिक बना देता है। फोलिक एसिड व आयरन कुपोषण की बीमारी से लड़ने में कारगर है। कोटे की दुकानों, बाल विकास व एमडीएम के लिए इसका वितरण किया जाता है।

बोले अधिकारी : जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनूप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने अब फोर्टिफाइड चावल बनाने वाली ब्लेंडर मशीनों वाली राइस मिलो से अनुबंध का निर्देश दिया है। लीज पर चल रही राइस मिल का भू-स्वामी से 10 साल तक करार होना चाहिए। ताकि शासन से अनुबंध के बाद मिल के संचालन में किसी तरह का व्यवधान न आने पाए।


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