अब दस मीट्रिक टन यूएई जाएगा बनारसी लंगड़ा आम, दिल्ली से दुबई के लिए भरी उड़ान
वाराणसी से ताजे आम की पहली खेप गुरुवार को यहां से विदेश के लिए लखनऊ के पैक हाउस भेजी गई थी जिसे शुक्रवार को नई दिल्ली भेजा गया।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी से ताजे आम की पहली खेप गुरुवार को यहां से विदेश के लिए लखनऊ के पैक हाउस भेजी गई थी, जिसे शुक्रवार को नई दिल्ली भेजा गया। आम की खेप शनिवार को नई दिल्ली से आइजीआइए से दुबई के लिए उड़ान भरी।
एपीडा के सहायक महाप्रबंधक डा. सीबी सिंह ने बताया कि पूर्वांचल से अब 10 मीट्रिक टन आम भेजने की योजना बनाई गई है। वहीं सलाहकार शुभम राय ने बताया कि वह लगातार 15 दिनों से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अथॉरिटी से निर्यात के लिए संपर्क किया जा रहा था। लंगड़ा आम की खरीद शार्दूल विक्रम चौधरी के नेतृत्व में गई है। इससे दिसंबर माह में 14 मीट्रिक टन हरी मिर्च की पहली खेप भेजी गई थी। इसके बाद तीन टन अन्य सब्जियां लंदन भेजी गई थी। अब तीन मीट्रिक टन लंगड़ा आम भी भेजा गया है।
बनारस के लंगड़े आम की बात आते ही मुंह में पानी आ जाता है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस के आम की मिठास अब विदेश में भी धूम मचाएगा। मिर्जामुराद क्षेत्र के भिखारीपुर गांव में रेलवे लाइन के किनारे स्थित बगीचा से पहली बार बनारस का लंगडा आम का खेप दुबई के लिए भेजा गया। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने निर्यात हेतु बनारस से वातानुकूलित मालवाहन पर लदे आम के खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बगीचे में पहुंचे कमिश्नर ने लंगडा आम को हाथ में लेकर देखने के साथ ही बाग मालिक संग बैठकर बातचीत भी की। बनारस का आम विदेश जाना एक अच्छी पहल है। यह भविष्य में कितना कारगर साबित होगा अब आने वाला समय बताएगा। मिर्जामुराद के भिखारीपुर गांव निवासी काश्तकार व प्रगतिशील किसान शार्दूल विक्रम चौधरी उर्फ शीलू सिंह का घर से कुछ दूर रेलवे लाइन के किनारे 52 बीघहवा नाम से प्रसिद्ध आम का पुश्तैनी बगीचा है। इस समय बगीचे में 525 आम के पेड़ है। उन्होंने बताया कि विदेश में दशहरी आम का तो डिमांड है,पर बनारसी लंगडा आम का डिमांड बनाने के लिए पहली बार बनारस से लंगडा आम पीएम के आदर्श गांव जयापुर की जया सीड्स प्रोडूसर कंपनी द्वारा भेज रहा हूं। बगीचा में सुबह से ही करीब 25 आदमी आम तोड़ने में लगे रहे। प्रशिक्षण देकर आम तोड़वाया।