IIT BHU के छात्रों ने तेजस को किया किया र्इजाद, सिंचाई के पारंपरिक पंपों की हो जाएगी विदाई
तालाब नहर व नदियों से बाकी पंपों के मुकाबले कहीं ज्यादा पानी निकाल कर तेजस अब आपके खेतों को सिंचेगा।
वाराणसी, जेएनएन। तालाब, नहर व नदियों से बाकी पंपों के मुकाबले कहीं ज्यादा पानी निकाल कर तेजस अब आपके खेतों को सिंचेगा। तेजस एक स्मार्ट पंप है, जिसे आइआइटी-बीएचयू के पूर्व छात्र गौरव सिंह ने ईजाद किया है। यह लो मेंटनेंस पाड या कैनाल वाटर पर आधारित है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि सामान्य पंपों के मुकाबले यह स्मार्ट पंप कम ईधन लेकर तीव्र गति से अधिक पानी का सप्लाई करता है। वहीं बाकी के ब्रांडों की तुलना में आधे दाम पर यह किसानों को उपलब्ध भी होगा। उनके स्टार्टअप को आइआइटी-बीएचयू के आरकेवाइवी-रफ्तार के अंतर्गत इन्क्यूबेट भी किया जा चुका है।
किसानों के लिए है काफी सुलभ गौरव पेशे से साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उन्हें इसे बनाने का विचार पिछले साल अगस्त में आया था व दिसंबर तक उन्होंने तैयार कर लिया। उन्होंने बताया कि तेजस को बिलकुल किसानों की सुलभता के मुताबिक ही डिजाइन किया गया है। इसे गैसोलीन या केरोसिन दोनों से चलाया जा सकता है। इसे एक व्यक्ति अकेले ही स्टार्ट कर सकता है। इसमें किसी बेल्ट या पुली का उपयोग नहीं किया जाता। वहीं यह काफी हल्का होता है, जिससे आसानी से कहीं भी लगाया जा सकता है।
यह खूबी इस स्मार्ट पंप को पोर्टेबल बनाती है। इसका प्रयोग गंगा के किनारे के किसानों द्वारा भी किया जा सकता है। वहीं गंगा के किनारों पर साफ-सफाई के लिए भी यह काफी कारगर सिद्ध होगी। गौरव ने इसके निर्माण के लिए लहरतारा के समीप एक वर्कशाप बनाया है, जहां पर उनके साथ किसान राजेंद्र विश्वकर्मा काम कर रहे हैं। इसी के साथ ही यह टीम गांव-गांव में जाकर इसका प्रदर्शन कर किसानों को प्रशिक्षण भी दे रही है। एक नजर पंप की क्षमता पर पंप 4.5 इंच का इनपुट लेकर आउटपुट भी इतना ही देता है। एक मिनट में 2143 लीटर व एक घंटे में एक लाख 28 हजार 580 लीटर पानी निकालता है, जबकि दूसरे ब्रांड में यह क्षमता महज 87 हजार लीटर में ही सिमट जाती है।