ट्रेन का सफर सुरक्षित करेगा डायल-100, आपात सेवा नंबर मिलाने पर कोच में पहुंचेगी जीआरपी
ट्रेन से सफर के दौरान अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने पर अब डायल-100 से भी मदद मिलेगी। रेलवे पुलिस जीआरपी भी अब डायल 100 से जुड़ गई है।
वाराणसी, जेएनएन। ट्रेन से सफर के दौरान अप्रिय स्थिति उत्पन्न होने पर अब डायल-100 से भी मदद मिलेगी। सुरक्षा में लगी रेलवे पुलिस जीआरपी भी अब डायल-100 से जुड़ गई है। अभी सिर्फ सिविल पुलिस डायल 100 सेवा से जुड़ी थी। जीआरपी के जुड़ने से किसी घटना के समय यात्री 100 नंबर मिलाकर नजदीकी स्टेशन के जीआरपी थाने-चौकी में सूचना दे सकते हैं। इसके लिए सभी जीआरपी थानों में जियो फेंसिंग तकनीक (जीएफसी) का इस्तेमाल किया गया है। ऐसे काम करेगा जीएफसी :
ट्रेन में सफर करने के दौरान अगर आप किसी अप्रिय घटना की सूचना 100 नंबर पर देते हैं तो वह जीआरपी कंट्रोल रूम में दर्ज हो जाएगी। कंट्रोल रूम से जीएफसी तकनीक की मदद से सूचना और ट्रेन की लोकेशन नजदीकी जीआरपी चौकी या थाने में आगे की कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। जीपीएस व आरएफआइडी की मदद से पता लगती है लोकेशन :
लोकेशन को जानने के लिए जीपीएस व आरएफआइडी की मदद से जिओ फेंसिंग तकनीक एक नियत जगह को चिन्हित कर उसके आसपास के इलाके को स्क्रीन पर गोलाकार में दर्शाती है। इससे लोकेशन बदलने पर भी सूचना मिलती रहती है। बड़े मामलों में पुलिस देगी साथ :
अगर ट्रेन में डकैती, बड़ी मारपीट का मामला होगा तो जीआरपी कंट्रोल रूम से सूचना स्टेशन, जीआरपी थाना या चौकी और लोकेशन के मुताबिक पुलिस थाने पर भेज दी जाएगी। इससे मौके पर जीआरपी के साथ ही स्थानीय पुलिस भी पहुंचेगी। नई तकनीक की मदद से रेल यात्रियों की सुरक्षा बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यह पहल ट्रेनों में अपराध की रोकथाम में प्रभावी साबित होगी।
- विमल किशोर श्रीवास्तव, क्षेत्राधिकारी जीआरपी, कैंट स्टेशन।