बेसिक शिक्षा से मांगी नियुक्ति के समय की रिपोर्ट, बीएसए ने सौंपी संस्कृत विवि के शिक्षकों की सूची
बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर एसआइटी का शिकंजा कसता जा रहा। संपूर्णानंद संस्कृत विवि से डिग्रीधारी शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन वह अपने स्तर से करा चुका है। परिषदीय स्कूलों के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) का शिकंजा कसता जा रहा। संपूर्णानंद संस्कृत विवि से डिग्रीधारी शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन वह अपने स्तर से करा चुका है। अब बेसिक शिक्षा विभाग से नियुक्ति के समय कराए गए सत्यापन की रिपोर्ट तलब की है, ताकि अपनी सत्यापन रिपोर्ट का मिलान कर सके। इस क्रास जांच के बाद परिषदीय स्कूलों के फर्जी डिग्रीधारी शिक्षकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
विभिन्न जिलों के परिषदीय स्कूलों में बड़े पैमाने पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के उपाधिधारकों की नियुक्ति की गई थी। विश्वविद्यालय पर अभ्यर्थियों की सत्यापन रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप है। इसमें एक बार वैध तो दूसरी बार उसी परीक्षार्थी को फर्जी बताया। इसे देखते हुए शासन ने एसआइटी को जांच सौंप दी। जो 75 जिलों में चयनित शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का नए सिरे से सत्यापन करा रही है। इस क्रम में संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन ने चयनित शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर रिपोर्ट उसे सौंप दी है। पांच-छह जिलों के शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन शेष है।
दूसरी ओर वर्ष 2004 से 2014 तक का टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर), अवार्ड ब्लैंक (अंकचिट) की फोटोकापी विश्वविद्यालय एसआइटी को सौंप चुका है, जो अपने स्तर से सत्यापन कर रही है, जिससे वास्तविक डिग्रीधारी कार्रवाई की जद में न आएं। इसी क्रम में एसआइटी ने बेसिक शिक्षा विभाग से सूबे के जिलों में नियुक्त संस्कृत विवि के डिग्र्रीधारी शिक्षकों की सत्यापन रिपोर्ट मांगी थी। बेसिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक -शिक्षा गणेश कुमार के निर्देश पर बीएसए राकेश ङ्क्षसह ने डिग्र्रीधारी 325 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट दे दी है।