Move to Jagran APP

आजमगढ़ में अब 287 मदरसों के 1115 शिक्षकों की खुलेगी कुंडली, दो चरणों में होगी जांच

बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अंक पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद शासन ने मदरसा शिक्षकों के भी अंकपत्रों की जांच के निर्देश दिए हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 03:31 PM (IST)
आजमगढ़ में अब 287 मदरसों के 1115 शिक्षकों की खुलेगी कुंडली, दो चरणों में होगी जांच
आजमगढ़ में अब 287 मदरसों के 1115 शिक्षकों की खुलेगी कुंडली, दो चरणों में होगी जांच

आजमगढ़, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अंक पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई के बाद शासन ने मदरसा शिक्षकों के भी अंकपत्रों की जांच के निर्देश दिए हैं। विशेष सचिव अल्पसंख्यक विभाग के आदेश के अनुपालन में जिले में संचालित अनुदानित 20 और आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 267 मदरसों के कुल 1115 शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जनपद में संचालित 20 अनुदानित मदरसों में लगभग 400 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनके अंक पत्रों की जांच शासन स्तर से नामित दूसरे जिलों के अधिकारी करेंगे। जबकि आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 263 मदरसों के 715 शिक्षकों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।

loksabha election banner

कमेटी का गठन, 267 मदरसों के 89-89 शिक्षकों के अंकपत्रों के जांच की जिम्मेदारी

डीएम राजेश कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है, जिसमें जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सदस्य नामित किया गया है। कमेटी के तीनों सदस्यों को आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित 267 मदरसों के 89-89 शिक्षकों के अंकपत्रों के जांच की जिम्मेदारी दी गई है। दो चरणों में जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई के लिए डीएम की संस्तुति के बाद निदेशालय अल्पसंख्यक विभाग को भेज दिया जाएगा। वर्तमान जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने अवैध मदरसों के खिलाफ विगत दिनों अभियान चलाया था, जिसमें 687 में लगभग आधे 304 मदरसे मानक के खिलाफ पाए गए थे। उन्हें बंद कराया गया था। अब देखना है कि अब कितने फर्जी शिक्षक पकड़े जाते हैं।

मूल अभिलेखों की दो चरणों में होगी जांच

मदरसा शिक्षकों के अंकपत्रों और अन्य मूल अभिलेखों की जांच दो चरणों में की जाएगी। प्रथम चरण में मूल अंकपत्रों का मिलान किया जाएगा, जिसमें अंकपत्र और अन्य प्रमाण पत्र, जो ऑनलाइन होंगे और दूसरे अभिलेखों की मैनुअल जांच की जाएगी। द्वितीय चरण में संबंधित प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद अंकपत्रों को सत्यापन के लिए बोर्ड और विश्वविद्यालय को भेज दिया जाएगा। सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद संबंधित जांच आख्या डीएम को प्रेषित कर दी जाएगी। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी एसएन सिंह ने कहा कि ''शासन के निर्देश पर डीएम के निर्देश पर सीडीओ की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी गई है। अनुदानित मदरसों के शिक्षकों के अंक पत्रों की जांच शासन स्तर से नामित अधिकारी करेंगे। आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत संचालित मदरसों के शिक्षकों के अंकपत्रों की जांच कमेटी ने शुरू कर दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.