वाराणसी में 1.48 करोड़ रुपये की वसूली के लिए चार शिक्षकों को नोटिस, पहले ही हो चुके हैंं बर्खास्त
वाराणसी में बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त चारों शिक्षकों से वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी कर दी है।एक माह के भीतर विभागीय खाते में 1.48 करोड़ जमा करने का निर्देश दिया गया है।
वाराणसी, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग ने बर्खास्त चारों शिक्षकों से वेतन की वसूली के लिए नोटिस जारी कर दी। नोटिस में फर्जी शिक्षकों से एक माह के भीतर विभागीय खाते में 1.48 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया गया है। अन्यथा कुर्की की चेतावनी दी गई है। शासन ने डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा) के डिग्रीधारी परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अभिलेखों की जांच करने की जिम्मेदारी विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) सौंपी थी।
एसआइटी की जांच शिक्षकों की भी डिग्री निकली थी फर्जी
एसआइटी की जांच में जनपद के चार शिक्षकों की भी डिग्री फर्जी निकली। इन शिक्षकों का चयन डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा) के बीएड की डिग्री के आधार पर हुआ था। वहीं अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत वर्ष 2012 से जनपद के विभिन्न विद्यालयों में इनकी तैनाती हुई थी। वर्ष 2012 से मई 2020 तक इन शिक्षकों ने जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग से 1.48 करोड़ रुपये वेतन उठाया था।
नोटिस जारी होने के बाद फर्जी शिक्षकों में मची खलबली
शासन से फर्जी शिक्षकों की सूची जारी होते ही बीएसए राकेश सिंह ने गत माह प्राथमिक विद्यालय (सिरिहिरा-सेवापुरी ब्लाक) की सहायक अध्यापक ममता सिंह, प्रा.वि. (बनपुरवा-काशी विद्यापीठ ब्लाक) की किरन लता सिंह, (राखी-आराजीलाइन ब्लाक) की रेनू सिंह व प्रा.वि. (दल्लूपुर-बड़ागांव) की अध्यापिका सरिता वर्मा बर्खास्त करते हुए उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। वहीं गत दिनों वित्त व लेखाधिकारी अनूप मिश्रा ने चारों शिक्षकों द्वारा उठाए गए वेतन का आगणन कर रिपोर्ट बीएसए को सौंप थी। इसके क्रम में बीएसए ने वेतन से वसूली के लिए नोटिस जारी की है। वेतन वसूली का नोटिस जारी होते ही फर्जी शिक्षकों में खलबली मची हुई है।
एक ही पैन नंबर पर दो-दो जिलों से वेतन उठाने वाले दो शिक्षकों को नोटिस
इसके अलावा एक ही पैन नंबर पर दो-दो जिलों के परिषदीय विद्यालयों से वेतन उठाने वाले दो शिक्षकों ने अब तक अपना जवाब नहीं दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग इन शिक्षकों को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार नोटिस दे चुका है। दूसरी नोटिस में 11 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया था। इसके बावजूद वह जांच समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। विभाग अब इन शिक्षकों को और मौका नहीं देगा। अब इन दोनों शिक्षकों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।