शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन, सौंपा सीएम के लिए ज्ञापन
राज्य कर्मियों की तरह सुविधाओं सहित आठ सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने बुधवार को डीआइओएस कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : राज्य कर्मियों की तरह सुविधाओं सहित आठ सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने बुधवार को डीआइओएस कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीआइओएस को सौंपा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी एसोसिएशन के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण व मेडिकल सुविधा मिल रही है। वहीं इन सुविधाओं से वंचित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के मामले में सरकार हीलाहवाली कर रही है।
इस मसले पर न सिर्फ विभागीय मंत्री वरन तमाम अधिकारियों को समय-समय पर पत्रक दिए गए। उनसे समस्याएं बताईं गईं लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है। अगर, सरकार का टालमटोल वाला रवैया नहीं बदला तो शिक्षणेत्तर कर्मचारी व्यापक संघर्ष की रूपरेखा तैयार कर उस पर अमल शुरू करेंगे। इसका सीधा असर कालेजों के अध्ययन-अध्यापन पर पड़ेगा जिसके लिए सरकार ही जिम्मेदार मानी जाएगी। प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन के चलते काफी देर तक जिला विद्यालय निरीक्षक में कामकाज भी प्रभावित रहा। विभागीय कर्मचारी अपने कक्ष के बाहर आ गए थे।
लगभग तीन घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्रक दिया। धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री आनंद कुमार सिंह, प्रवीण कुमार गोठी, सुरेंद्र प्रसाद सिंह, सुरेंद्र उपाध्याय, शेर अहमद खां आदि थे। संचालन जिला मंत्री चंद्र मोहन उपाध्याय ने किया।
प्रमुख मांगें
-अर्ह कर्मचारियों को शिक्षक पद पर पदोन्नति हो।
-लिपिकीय संवर्ग का हो पुनर्गठन।
-पुरानी पेंशन योजना हो बहाल।
-विद्यालयों में लिपिक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियों से रोक हटाई जाए।