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वाराणसी विकास प्राधिकरण के अभियंताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, झूठे शपथ पत्र के आधार पर नक्शा पास कराने का मामला

अदालत में लंबित एक मामले में हाजिर नहीं होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) गौरव कुमार ने विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता अनिल सिंघल अवर अभियंता पवन गुप्ता और मानचित्र प्रभारी राज कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 10:16 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 10:16 PM (IST)
वाराणसी विकास प्राधिकरण के अभियंताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, झूठे शपथ पत्र के आधार पर नक्शा पास कराने का मामला
वाराणसी विकास प्राधिकरण के अभियंताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

जागरण संवाददाता, वाराणसी। अदालत में लंबित एक मामले में हाजिर नहीं होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) गौरव कुमार ने विकास प्राधिकरण के अवर अभियंता अनिल सिंघल, अवर अभियंता पवन गुप्ता और मानचित्र प्रभारी राज कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। झूठे शपथ पत्र के आधार पर नक्शा पास कराने के मामले में इन अभियंताओं के खिलाफ अदालत में सुनवाई चल रही है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि मुकर्रर की है।

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बता दें कि भेलूपुर थाना क्षेत्र निवासी नीरज कुमार ने अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी के जरिए 14 अक्टूबर 2019 को अदालत में परिवाद दायर किया था। नीरज का आरोप था कि सुसवाही क्षेत्र में स्थित एक विवादित जमीन पर चित्तईपुर निवासी चंद्र प्रकाश ने नक्शा पास कराने के लिए विकास प्राधिकरण में आवेदन दिया था। उक्त जमीन पर अदालत से स्थगन आदेश के बावजूद भी विकास प्राधिकरण के इन अभियंताओं को मिलाकर झूठा शपथपत्र देकर उनसे मकान का नक्शा पास करा लिया। उक्त मामले में निचली अदालत ने तीनों को तलब किया। इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायाधीश की अदालत में तीनों अभियंताओं ने निगरानी याचिका दायर की। अपर सत्र न्यायाधीश ने निगरानी याचिका को निरस्त कर दिया। इस निर्णय के बाद अभियंताओं के हाजिर नहीं होने पर नीरज के अधिवक्ता ने कार्रवाई करने की अदालत से अपील की।

प्राणघातक चोट पहुंचाने में पति-पत्नी को मिली सजा

मामूली बात को लेकर गांव की एक महिला को ईंट -पत्थर मारकर प्राणघातक चोट पहुंचाने के मामले में गुरुवार को अदालत ने कपिलदेव तिवारी और उसकी पत्नी शिवशंकरी को दोषी पाते हुए दोनों को दंडित किया। अपर सत्र न्यायाधीश (तेरहवां) मनोज कुमार सिंह की अदालत ने दोनों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर प्रत्येक को एक-एक माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियुक्तों द्वारा जुर्माना देने पर अदालत ने पीड़ित पक्ष को बतौर क्षतिपूर्ति संपूर्ण धनराशि देने का आदेश दिया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी बिंदू सिंह ने पैरवी की।घटना मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के छतेरी माधापुर गांव की है।

अभियोजन के अनुसार एक जून 2004 की शाम करीब छह बजे बसंत लाल गोड़ की पत्नी प्रभावती देवी अभियुक्त कपिलदेव तिवारी के घर के पश्चिम दिशा में ऊपरी पाथ रही थी। पास में ही कपिल देव का बेटा सुधीर शौच कर रहा था। प्रभावती देवी ने उसे दूर जाकर शौच करने की बात कही। इससे नाराज होकर सुधीर अपने छत पर जाकर प्रभावती देवी को गालियां देने लगा। इतने में कपिलदेव और शिवशंकरी भी छत पर आ गए और गाली-गलौज करते हुए प्रभावती देवी को मारने के लिए ललकारने लगा। तीनों प्रभावती देवी को ईंट-पत्थर से मारने लगे जिससे उसके सिर व शरीर पर चोटें लगी। इस हमले में बचाव करने आये प्रभावती के पति को चोट लगी। सुधीर के किशोर अपचारी होने के कारण उसके खिलाफ बाल न्यायालय में सुनवाई लंबित है।


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