आइपीडीएस में नहीं डाली स्ट्रीट लाइट, कमिश्नर और एमडी ने टाटा कंपनी को दिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश
आइपीडीएस के तहत शहर में दूसरे चरण का कार्य चल रहा है करीब 18 फीसद कार्य हो भी चुका है लेकिन अभी तक इस योजना में स्ट्रीट लाइट ही नहीं डाली गई है।
वाराणसी, जेएनएन। आइपीडीएस के तहत शहर में दूसरे चरण का कार्य चल रहा है। करीब 18 फीसद कार्य हो भी चुका है लेकिन अभी तक इस योजना में स्ट्रीट लाइट ही नहीं डाली गई है। इसके कारण यह मामला लटक गया है। हालांकि अब कमीश्नर व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने कार्यदायी कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को योजना में स्ट्रीट लाइन को भी जोडऩे का निर्देश दिया है। इसके बाद अब सर्वे का काम शुरू होने वाला है।
दूसरे चरण में कार्य के लिए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने 28 फरवरी को ही जिम्मेदारी दे दी थी। इसके बाद सर्वे आदि के झमेले में ही करीब पांच महीने लग गए। हालांकि अगस्त में कार्य शुरू तो हुआ लेकिन इस प्रोजेक्ट में स्ट्रीट लाइन के बारे में सोचा ही नहीं गया। विभागीय व कंपनी के अधिकारी इसकी राशि को लेकर उलझन में रहे और उच्चाधिकारियों को भी अंधेरे में रखा। तर्क दिया कि नगर निगम पैसा देने को तैयार नहीं है इ लिए स्ट्रीट लाइट को प्रोजेक्ट में शामिल नहीं किया गया। जब कार्य की गति तेज हुई तो पिछले सप्ताह आयुक्त की बैठक में यह मामला सामने आया। इस पर मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने सख्त निर्देश दिए की स्ट्रीट लाइट को हरहाल में जोड़ा जाए। यही निर्देश निगम के प्रबंधक के बालाजी ने भी पिछले दिनों बैठक में दिए। हालांकि यहां पर भी कंपनी के अधिकारियों ने गुमराह करने का प्रयास किया लेकिन उनकी दाल नहीं गली। एमडी ने स्पष्ट कहा है कि राशि कौन देगा यह बाद की बात है पहले तो इसका स्टीमेट बनाया जाए।
50-50 पर बन सकती है बात
बताया जा रहा है कि स्टीमेट बनने के बाद निगम से पूरी राशि मांगी जाएगी। अगर बात नहीं बनी तो जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से 50-50 फार्मूले पर बात बन सकती है यानी आधा खर्च विद्युत निगम व आधा नगर निगम देगा।