मल्टीलेवल इंटर माडल टर्मिनल के लिए एनएचएआइ को बनानी है डीपीआर, रेलवे जमीन कराएगा उपलब्ध
काशी स्टेशन को केंद्रित कर प्रस्तावित मल्टीलेवल इंटर माडल टर्मिनल का प्रस्ताव तीन विभागों में फुटबाल की तरह उछल रहा है। काशी स्टेशन के पास करीब 30.28 एकड़ भूखंड पर बनाए जाने वाले मल्टी लेवल इंटर माडल टर्मिनल को लेकर बीते पांच वर्षों से मंथन किया गया।
By Abhishek sharmaEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 12:18 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। काशी स्टेशन को केंद्रित कर प्रस्तावित मल्टीलेवल इंटर माडल टर्मिनल का प्रस्ताव तीन विभागों में फुटबाल की तरह उछल रहा है। काशी स्टेशन के पास करीब 30.28 एकड़ भूखंड पर बनाए जाने वाले मल्टी लेवल इंटर माडल टर्मिनल को लेकर बीते पांच वर्षों से मंथन किया गया लेकिन अब तक एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है। अब तक का विभागीय प्रयास कागजी घोड़े दौडऩे तक सीमित है।
इस प्रस्ताव में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट यानी (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी नेशनल हाइवे एथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) दी गई है जबकि जमीन की उपलब्धता रेलवे को करानी है। इसके लिए काशी स्टेशन को केंद्र बनाकर दोनों ओर की जमीनों को प्रोजेक्ट के लिए ली जाएगी। रेलवे प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार काशी स्टेशन व जीटी रोड के बीच की जमीन के कुछ हिस्से पर एक संस्था की ओर से कब्जा किया गया है। इसके अलावा कुछ लोगों ने भी अवैध निर्माण करा रखा है। मामला कोर्ट में चला गया है जबकि एनएचएआइ के अफसर जमीन का रोना रोते हुए डीपीआर को अंतिम रूप नहीं दे सके हैं।
केंद्र सरकार के सड़क, परिवहन एवं जहाजरानी अपर सचिव की ओर से निर्माण की बाबत रेलवे के अधिकारियों को अपने स्वामित्व के इस भूखंड को एनएचएआइ को हैंडओवर के लिए निर्देशित किया। चेताया कि यह कार्य युद्ध स्तर पर हो जाना चाहिए ताकि एनएचएआइ द्वारा भूखंड पर कब्जा प्राप्त किये जाने की बाबत अग्रिम कार्यवाही की जा सके। वहीं, एनएचएआइ के अधिकारियों को निर्देशित किया कि रेलवे द्वारा भूखंड का स्वामित्व हस्तानांतरित होने के बाद एनएचएआइ के ला एवं एक्ट के तहत भूखंड पर कब्जा प्राप्त किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करें और प्रदेश शासन को उपलब्ध कराएं। उन्होंने मल्टी लेवल इंटर मॉडल स्टेशन के निर्माण एवं भूखंड के संबंध में विभिन्न विभागों से अप्राप्त अनापत्ति प्रमाण-पत्र शीघ्र प्राप्त किए जाने पर विशेष जोर दिया है। कहना है कि केंद्रीय विभागों से संबंधित अनापत्ति प्रमाण-पत्र के लिए मुख्य सचिव स्तर से पत्राचार सुनिश्चित कराया जाए। साथ ही राज्य स्तरीय विभागों से अनापत्ति शीघ्र प्राप्त किए जाने पर जोर दिया।
डीएम हुए सख्त, मांगी रिपोर्ट
इस प्रस्ताव को लेकर जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा सख्त हो गए हैं। उन्होंने जिम्मेदार विभागों के अफसरों से अब तक हुई प्रगति की जानकारी मांगी है। इसके बाद से ही संबंधित विभाग के अफसर द्रुत गति से कार्य में जुट गए हैं। मंगलवार को एनएचएआइ कार्यालय में फाइलों का संकलन हो रहा था। रेलवे प्रशासन भी अपना पक्ष तैयार कर रहा था।
एक परिसर से चार तरह के ट्रांसपोर्ट
चार तरह के ट्रांसपोर्ट को एक परिसर से संचालित करने वाला वाराणसी देश में पहला शहर होगा। काशी रेलवे स्टेशन पर इंटर माडल स्टेशन बनने के बाद यहां पहुंचने वाले लोगों को शहर में आवागमन के चार विकल्प होंगे। रोड ट्रांसपोर्ट में टैक्सी, सिटी बस, ऑटो आदि की सुविधा होगी। रेल से अन्य शहरों और मेट्रो से शहर के अंदर विभिन्न स्थानों तक आवागमन की सुविधा होगी।
टर्मिनल से जुड़ेगा खिड़किया घाट
इनलैंड वाटर ट्रांसपोर्ट भी विकसित किया जाएगा। इसके लिए गंगा के कई घाट विकसित किए जाएंगे। चारों तरह के ट्रांसपोर्ट का यहा ट्रांजिट होगा। इंटर माडल टर्मिनल में रेलवे स्टेशन, इंटर स्टेट बस टॢमनल, मेट्रो के अलावा जल परिवहन टॢमनल भी बनना प्रस्तावित है। इस क्रम में प्रस्ताव का एक हिस्सा खिड़किया घाट के तौर पर विकसित किया जा रहा है।
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