नीरज शेखर के इस्तीफे से राजनीति में आया नया मोड़, सपा से तोड़ा नाता
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के छोटे पुत्र नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया।
बलिया, जेएनएन। सोमवार को बागी धरती ही नहीं यूपी की राजनीति में भी अचानक तब भूचाल आ गया जब समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के छोटे पुत्र नीरज शेखर ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया है। यह खबर जिले को लोगों को जैसे ही मिली सभी स्तब्ध रह गए।
इस्तीफे के साथ यह चर्चा भी तेज हो गई कि नीरज शेखर जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि इस बात का खुलासा उनके निकट संबंधियों ने भी नहीं किया। वह इतना ही बताए कि उनके इस्तीफे से यूपी की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। सपा से नीरज शेखर की नाराजगी लोकसभा चुनाव के समय से ही चल रही थी। उन्होंने सपा से अपनी परम्परागत सीट बलिया से टिकट की मांग की थी लेकिन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। तभी से वह चुप्पी साध लिए थे।
नीरज शेखर का राज्यसभा का कार्यकाल नवंबर 2020 तक था : कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि नीरज शेखर को बीजेपी 2020 में यूपी से राज्यसभा में भेज सकती है। वहीं कुछ जानकार यह बात भी बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश की पुस्तक चंद्रशेखर द लास्ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स, का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ ही दिनों बाद विमोचन करेंगे। इससे पहले नीरज शेखर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। नीरज शेखर पहली बार लोकसभा का उपचुनाव पिता चंद्रशेखर की मौत के बाद 2007 में सपा की ओर से ही लड़ कर विजयी हुए थे। इसके बाद 2009 के आम चुनावों में भी उन्होंने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा था लेकिन 2014 के मोदी लहर में वह बीजेपी प्रत्याशी भरत सिंह से हार गए। उसके बाद सपा ने उन्हें अपनी ओर से नवंबर 2014 में राज्यसभा भेजा था। माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे के बाद बागी धरती की राजनीति भी तेजी से करवट लेगी।