कब चेतेंगे जनाब, काशी की हवा हो रही खराब, क्षेत्रीय पर्यावरण अनुश्रवण केंद्र वायु प्रदूषण पर रखेगा अब नियंत्रण
बनारस में वायु प्रदूषण को लेकर पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई थी। वहीं डाक्टरों के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण फेफड़े कमजोर हो रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। बनारस में वायु प्रदूषण को लेकर पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई थी। वहीं डाक्टरों के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण फेफड़े कमजोर हो रहे हैं। यह देखते हुए सरकार ने इस वर्ष पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। वहीं दीपावली पर पटाखों की वजह से भी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर प्रत्येक वर्ष बढ़ जाता है। ऐसे में बनारस को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बुधवार को बताया कि नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत वाराणसी में क्षेत्रीय पर्यावरण अनुश्रवण केंद्र खोला जाएगा। दिल्ली से 22 अक्टूबर को दो दिन के लिए एक उ'चस्तरीय टीम आ रही है जो यहां की प्रयोगशाला को आधुनिक बनाने के लिए उपकरणों की जांच करेगी। नवंबर के पहले सप्ताह तक यह केंद्र शुरू हो जाएगा। इसमें केंद्र और प्रदेश सरकार के करीब दो दर्जन विभाग भी अपनी रिपोर्ट देंगे कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए वे क्या काम कर रहे हैं।
स्व'छ वायु एप भी जारी हो चुका है, जिससे आप अपने मोबाइल पर वायु प्रदूषण की स्थिति जान सकते हैं।
प्रयास है कि गोदौलिया, लहुराबीर, मैदागिन और लंका पर भी एयर क्वालिटी इंडेक्स बताने वाला डिस्प्ले बोर्ड लगे, जिससे आम आदमी भी पता वायु की गुणवत्ता को जान सके। इस समय अर्दली बाजार, सिगरा व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में ये उपकरण लगे हैं। सभी डिस्प्ले बोर्ड के आंकड़ों का क्षेत्रीय पर्यावरण अनुश्रवण केंद्र विश्लेषण करेगा।
एयर क्वालिटी इंडेक्स
आज का अनुमान 176 खराब
बुधवार 165 खराब
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0-50 सामान्य
51-100 मध्यम
101-200 खराब
201 से अधिक बेहद खराब
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नोट : पर्टिकुलेट मैटर (पीएम-प्रदूषक तत्व) माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर में। सामान्य स्तर 50 निर्धारित है।